समाज पाखंडी साधु वेश धारियों से बचें ब्रजभूमि व ब्रज के पर्वतों को बेचने वाला कभी भी साधु नहीं हो सकता है- महंत शिवराम दास

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Bharatpur / राजेन्द्र शर्मा जती। रविवार को क्रांति यात्रा अपने पड़ाव सीकरी से होकर पीपलखेड़ा, चंदपुरा, पिलसु, गोपालगढ़, बरखेड़ा, बुराना आदि गांवों व तहसील पहाड़ी से होते हुए अपने पड़ाव भैंसेड़ा पहुंची।

क्रांति यात्रा को हर गावों में अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है विशेषकर आज पीपलखेड़ा, चंदपुरा, पिलसु व पहाड़ी में क्रांति यात्रा को लेकर गांवों के अंदर काफी उत्साह दिखाई दिया। समस्त ग्राम वासियों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया व सभी यात्रियों को फूल वर्षा कर उनका सम्मान किया साथ ही बड़ी संख्या में हर गांव में आयोजित सभा में उपस्थित होकर ब्रज के पर्वतों के रक्षण हेतु शपथ ली ।

आज की क्रांति यात्रा यह विशेषता कि आज बड़ी संख्या में पीपलखेड़ा, चंदपुरा व पिलसु के ग्राम वासियों ने इस आंदोलन की सक्रिय सदस्यता ग्रहण करी । गौरतलब है कुछ सत्ताधारी, खनन माफियाओं व बिके हुए सरकारी तंत्र के अधिकारियों द्वारा यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि यह आंदोलन तो कोई बड़ा आंदोलन नहीं है।

और साथ ही उनके आंदोलन का लक्ष्य केवल खनन कर्ताओ से पैसे लेना है । इसी बात का उत्तर देते हुए आज कई गांव के ग्राम वासियों ने सैकड़ों की संख्या में विधिवत इस इस आंदोलन की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की और सब ने व्रजभूमि को साक्षी मानते हुए शपथ ली कि वे ब्रज के पर्वतों, संस्कृति पौराणिक संपदा व पर्यावरण के रक्षण के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

पीपलखेड़ा के पूर्व सरपंच ने कहा कि ब्रज का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जो इस आंदोलन के समर्थन में ना हो अगर कोई है तो सिर्फ खनन माफियाओं द्वारा दिए गए पैसे के लोभ के कारण एवं उनका कोई खास स्थिति नहीं है।

वही महंत शिवराम दास ने यात्रा को संबोधित करते हुए कुछ साधु वेश धारियों पर आरोप लगाया की चंद रुपयों के लालच में कुछ पाखंडी लोग साधु वेश लेकर ब्रजभूमि का सौदा करने तक के लिए तैयार हो गए हैं।

समाज व सभी गांव वालों को चाहिए कि ऐसे पाखंडी साधुओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाए ताकि यह कभी भी ब्रजभूमि, ब्रज की संस्कृति व ब्रज की पौराणिक संपदा को बेचने का कार्य ना करें क्योंकि हर बृजवासी का कर्तव्य है कि वे तन मन धन से ब्रज की सेवा करें एवं ब्रज के पर्वतों, पर्यावरण व पौराणिक संपदा को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करें ।

पहाड़ी पहुंचने पर क्रांति यात्रा का फूल मालाओं द्वारा बड़ा भव्य स्वागत हुआ । यात्रियों ने बडी संख्या में एसडीएम कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया वह पहाड़ी में स्थित कनकाचल पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन के विरोध प्रदर्शन किया । यात्रा जब पहाड़ी के बाजारों से निकली तो पहाड़ी वासियों ने यात्रा में सम्मिलित होकर कनकाचल पर्वत पर हो रहे।

खनन को लेकर प्रशासन के खिलाफ व सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करी साथ ही यह घोषणा करी की पहाड़ी का अधिकांश नागरिक इस खनन के खिलाफ है ।

पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई किसी खनन माफिया या सरकार अथवा किसी प्रशासन से नहीं है, हम एक पवित्र उद्देश्य के लिए लड़ रहे हैं और जब तक वह हमारा पवित्र उद्देश्य पूर्ण नहीं हो जाता है हम कदापि शांत नहीं बैठेंगे।

वह पवित्र उद्देश्य है ब्रज के पर्वतों का संपूर्ण संरक्षण पर्वतों का रक्षण करना । आज यात्रा में साधु संतों व ग्रामीणों के अलावा मुख्य रूप से भूरा बाबा, साध्वी मधुबनी, साध्वी दया, ब्रजकिशोर बाबा, पहाड़ी के रामलाल गुर्जर, पहाड़ी सरपंच भगवान सिंह, ओम प्रकाश, मुकेश, कुलदीप सिंह बैसला, सत्यप्रकाश, जसबीर, भूपेंद्र, पूर्व सरपंच रतन सिंह, चंदपुरा गांव के पूर्व प्रधान हुकुम सिंह, सुरेश, धरम, यादराम आदि उपस्थित रहे ।

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