Bharatpur news /राजेंद्र शर्मा जती। भरतपुर में रविवार को राजकीय जनाना अस्पताल चिकित्सालय में अस्पताल
में भर्ती एक गर्भवती महिला के बच्चे की मौत हो गई। जिस पर भर्ती महिला के परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
राज्य के स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने एक दिन पहले ही राजकीय जनाना नेत्र चिकित्सालय का निरीक्षण किया था जहां कमियां पाई गई थी। आज भी मंत्री सुभाष गर्ग भरतपुर में ही रहे। मंत्री गर्ग ने जनाना अस्पताल में घटित इस घटना पर नाराजगी जताते हुए जांच कराए जाने को कहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।
मोरी चार बाग निवासी पिंकी लवाना सिख ने बताया कि उसने अपनी गर्भवती पुत्री सिमरन को डिलीवरी के लिए राजकीय जनाना अस्पताल में 14 अक्टूबर को भर्ती कराया
था। जहां गर्भवती महिला सिमरन को दो दिन भर्ती रखने के बाद गर्भवती महिला की स्थिति को देख चिकित्सकों ने आॅपरेशन से उसका बच्चा होना बताया था।
सिमरन के खून की कमी होने पर चिकित्सकों ने उसके परिजनों से रक्त चढवाने को कहा। जिस पर उनके द्वारा सिमरन के लिए रक्त की व्यवस्था कर रक्त भी चढाया गया। लेकिन चिकित्सकों ने उसे आॅपरेशन के लिए नहीं बुलवाया। और नही देखभाल की।
रविवार को महिला के दर्द होने पर उसे लेबर रूम में ले जाया गया। जहां नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि सिमरन ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि जब चार दिनों से सिमरन भर्ती थी तो उसके बच्चे की मौत कैसे हो
गई।
इसी बीच भीलवाडा वन स्टाॅप सेन्टर से भरतपुर वन स्टाॅप सेन्टर पर इस संबंध में फोन आया जिस पर वन स्टाफ की प्रशासक योगिता शर्मा अपनी टीम के साथ जनाना अस्पताल पंहुची और घटना की जानकारी ली। इसको लेकर योगिता शर्मा ने अस्पताल के प्रभारी रूपेन्द्र झा से इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
अस्पताल के प्रभारी डा. रूपेन्द्र झा ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जा रही है और प्रभारी डा. मोहनीत वालिया को इस मामले की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। घटना के विरोध में महिला के परिजन जनाना अस्पताल के गेट पर जुट गए।
जिस पर सूचना मिलने पर मौके पर पंहुचीजिस पर परिजनो ने कहा कि उनके मरीज के साथ लापरवाही हुई है जिसके चलते बच्चे की मौत हुई। उन्होने दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही की मांगकी।