जीवनदायिनी सुजान गंगा नहर बदहाली पर बहा रही आंसू

Dr. CHETAN THATHERA
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Bharatpur News/राजेन्द्र शर्मा जती ।राजस्थान के भरतपुर जिले की ऐतिहासिक सुजान गंगा नहर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। भरतपुर शहर की जीवनदायिनी सुजान गंगा नहर का पानी कभी पीने के काम में लिया जाता था। जब भरतपुर के किले की नींव रखी गई थी तब सुजान गंगा नहर को बनवाया गया था। उसकी सुरक्षा के लिए इतना ही नहीं भरतपुर का लोहागढ़ किला जिसे कोई भी भेद नहीं पाया। इस किले को जीतने के लिए बड़े-बड़े योद्धाओं ने भरसक प्रयास किए लेकिन भरतपुर से धूल चाट कर गया।

लेकिन अब सुजान गंगा नहर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। और सुजान गंगा नहर में काफी संख्या में मौजूद मछलियां काल का ग्रास बन रही है । सुजान गंगा नहर में पानी इतना जहरीला हो गया कि इस में रहने वाले जीव जंतुओं के लिए मौत साबित हो रहा है। नहर में विगत कुछ दिनों से हजारों की संख्या में मछलियां मर चुकी है और मरने के बाद पानी के ऊपर तैरती हुई नजर आ रही हैं।

मछलियों के मरने के बाद उन से उठने वाली बदबू के कारण नहर के आसपास रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है । नहर के चारों तरफ कई ऐसे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं जहां पर भक्तगण सुबह-शाम आते हैं लेकिन बदबू के कारण उनका निकलना मुश्किल हो रहा है।

इस मामले को लेकर मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार पानी में फैले प्रदूषण के कारण पानी की सतह पर तेल की परत बन गई है जिसके कारण पानी के अंदर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है और पानी में रहने वाले जीव दम तोड़ रहे हैं। सर्दी के इस मौसम के कारण सूरज की तपिश भी कम हो जाती है जिसके कारण सूरज की किरणें पानी के अंदर तक नहीं जा रही।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम