Bharatpur news / राजेन्द्र शर्मा जती । गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आवहन पर पंचायत समिति बयाना की ग्राम पंचायत पीलुपूरा के ग्राम अड्डा में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में शांतिपूर्ण तरीके से महापंचायत आयोजित हुई।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) एवं नोडल प्रभारी श्रीमती बीना महावर ने बताया कि महापंचायत को मद्देनजर रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त संख्या में जाप्ता लगाकर चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी गई साथ में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखी गई। जिससे किसी भी आमजन को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर नथमल डिडेल एवं जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ अमनदीप सिंह ने बयाना कैम्प कर महापंचायत की गतिविधियों पर पल-पल की जानकारी लेकर निगरानी रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश सम्बन्धित अधिकरियों को दिये।
राज्य सरकार द्वारा महापंचायत की व्यवस्थाओं एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न आयोजित कराने के लिए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जगदीश आर्य, बाल कृष्ण तिवारी एवं राज नारायण शर्मा को नियुक्त किया है। इन अधिकारियों के साथ अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर डाॅ राजेश गोयल एवं अन्य उपखण्ड स्तरीय अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर निगरानी बनाये हुए हैं।
महापंचायत में कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास 31 अक्टूबर तक का समय है इस दौरान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लंे और आरक्षण के मुद्दे को तत्काल सुलझाये।
मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख जानने के बाद गुर्जर महापंचायत समाप्ति की घोषणा
खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना तथा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज कुमार पवन ने शनिवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर उन्हें उनकी मांगों पर राज्य सरकार के सकारात्मक रुख से अवगत कराया जिसके बाद संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों की ओर से गुर्जर समाज की महापंचायत की समाप्ति की घोषणा कर दी गई ।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक कर्नल किरोड़ी बैंसला के नेतृत्व में 17 अक्टूबर को बयाना तहसील के ग्राम अड्डा में गुर्जर महापंचायत बुलाई गई थी जिसमें एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने, पुरानी भर्तियों में भी एमबीसी को बैकलॉग का लाभ देने तथा प्रक्रियाधीन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने, एमबीसी कोटे से भर्ती हुए 1252 कर्मचारियों को नियमित करने, आंदोलन के शहीदों के परिजनों को नौकरी व मुआवजा दिलाने, मुकदमों को वापस लिए जाने तथा देवनारायण योजना में सुधार करने जैसी प्रमुख मांगें थीं ।
विदित हो कि वर्ष 2006-07 से शुरू गुर्जर आंदोलन के बाद अति पिछड़ी जातियों में गुर्जर सहित पांच जातियों को 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण राज्य सरकार द्वारा विभिन्न भर्तियों में लागू किया गया है, जिससे इन जातियों के हजारों बेरोजगारों को सरकारी नौकरी में फायदा मिला है । इन पांच जातियों में 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण का और अधिक फायदा आने वाली पीढ़ियों में देखने को मिलेगा । ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति भी गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ वार्ता कर उनकी मांगों के विधि सम्मत समाधान खोजने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रही है।
कर्नल बैंसला, विजय सिंह, भूरा भगत, राजाराम इत्यादि सहित गुर्जर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में बुलाई गई यह महापंचायत 17 अक्टूबर शनिवार को दोपहर करीब 11:30 बजे शुरू हुई और सायं 5:00 बजे समाप्त हुई जिसमें गुर्जर समाज के करीब ढाई हजार लोग शामिल हुए ।