रोजगार की व्यवस्था मनुष्य की गरिमा से जुड़ी होती है-राव राजेंद्र सिंह

Sameer Ur Rehman
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भरतपुर(राजेन्द्र जती )। राजस्थान विधानसभा के उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने कहा हैं कि रोजगार की व्यवस्था मनुष्य की गरिमा से जुड़ी होती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 2.98 करोड़ लोग वर्किंगफ़ोर्स के तौर पर उपलब्ध है हालांकि उपलब्ध 100 नौकरियों में से सिर्फ 48 पद ही भर पाते हैं। सिंह आज भरतपुर के लक्ष्मी विलास पैलेस में आयोजित इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन ;आईएचएचएद्ध के 7वें कन्वेंशन के दूसरे दिन सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आतिथ्य ही एकमात्र सेक्टर है जो देश में उपलब्ध वर्किंग फ ोर्स को उनकी प्रतिष्ठा के अनुसार रोजगार के अवसर सुनिश्चित करता है। 16वीं और 17वीं सदी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत थी अकबर के राजकोष का वार्षिक राजस्व 17. 5 मिलियन पौंड था जबकि औरंगजेब के पास 100 मिलियन पौंड थे। आधुनिक भारत को उस समय से सीख लेनी होगी इसके साथ ही हमें यह भी समझना होगा कि मानव मूल्य की गरिमा इस बात पर आधारित है कि आप समाज को क्या दे सकते हैं ,ना कि आप उससे क्या ले सकते हैं।


आईएचएचए के प्रेसीडेंटए जोधपुर के महाराजा गजसिंह ने कहा कि सस्टेनेबल डवलपमेंट के लिए आगामी पीढिय़ों के लिए बिल्ट हेरिटेज को बचाना और समुदाय की स्थानीय परम्पराओं एवं सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करना जरूरी है। आतिथ्य उद्योग को हेरिटेज प्रोपर्टीज की वास्तुकला एवं इतिहास की महत्वपूर्ण विषेषताओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटको के लिए नई गतिविधियां उत्पन्न करने के लिए निरंतर रूप से इनोवेट करना होगा। कन्वेंशन के दौरान इस वर्ष के थीम ष्रीइन्वेंटिंग इंडिया एज ए हेरिटेज डेस्टिनेशनश् पर भी चर्चा की गई।

कन्वेंशन के थीम की जानकारी देते हुए कॉन्फ्रेंस के चेयरमेन एवं आईएचएचए के मानद उपाध्यक्ष स्टीव बोर्जिया ने कहा कि हमें यह महसूस करना होगा कि हमारी हेरिटेज खतरे में है। हेरिटेज के अभाव में विजिटर्स को बताने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं होगा और इसके फ लस्वरूप पर्यटन क्षेत्र भी नहीं बचेगा।

नीमराना होटल्स के सह.संस्थापक एवं अध्यक्ष अमन नाथ ने तर्क दिया कि देश को डेस्टिनेशन के तौर पर नहीं बल्कि सरकार के विजिन और लोगों की अपेक्षाओं को पुनस्र्थापित करने की आवश्यकता है। होटल व्यवसायी को चाहिए कि वे लोगों को ऐसा अनोखा अनुभव प्रदान करें कि वह जीवनभर उनकी यादोंं रहे। उन्होंने हेरिटेज टूरिज्म के लिए अनिवार्य 9 भावनाओं. प्रेम, प्रसन्नता, आश्चर्य, उदासी,साहस, क्रोध, शांति, घृणा एवं डर के बारे में बताया।


ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम्स ऑसहेरिटेज के प्रमुख एवं अध्यक्ष विनोद डैनियल टेन्जबल एवं नॉन. टेन्जबल हेरिटेज के प्रबंधन में वैश्विक दृष्टिकोण की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर की जा रही अनेक बेहतरीन कार्यप्रणालियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने एक अच्छी रणनीति तैयार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि किसी भी अच्छी योजना को अनेक राजनीतिक चरणों में लागू करने की आवश्यकता होती है।

यही नहीं प्रत्येक राज्य की अपनी एक विशेष रणनीति होनी चाहिए और यह अन्य राज्यों की नकल नहीं होनी चाहिए। डैनियल ने कहा कि भारत में गुड गवर्नेंस गैरकानूनी व्यापार को रोकने के लिए डॉक्यूमेंटेशन करने संग्रहालयों पर आधारित डिग्री एवं डिप्लोमा कोर्स आरम्भ करने और लोगों को   स्किल्ड बनाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।


डेस्टिेनेशन इंडिया के लेखक एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार नवीन बेरी ने कहा कि गत दशकों में पर्यटन के प्रति समझ महत्वपूर्ण तरीके से बढ़ी है और यह पूर्णतया परिवर्तित हो गयी है। मात्र पर्यटन स्थलों के अवलोकन से आगे बढक़र अब इसमें नए दौर की अनेक गतिविधियां भी जुड़ गयी है और इसमें वेडिंग टूरिज्मए माईस टूरिज्म एक्सपीरिएन्शल टूरिज्म भी शामिल हो चुके हैं। तकनीक की वजह से टै्रवलिंग अब परेशानी मुक्त हो गई है लेकिन पर्यटन उद्योग अब भी नवीन प्रचलनों को अपनाने में अनिच्छुक है।


नेशनल हेरिटेज बोर्ड सिंगापुर के प्रिजर्वेशन ऑफ साइट्स एंड मॉन्यूमेंट्स की निदेशक सुश्री जीन वी ने सिंगापुर के अपने कुछ अनुभवों को साझा किया और बताया कि दुनिया भर में कुछ प्रोजेक्टस ने किस प्रकार सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि विरासत संरक्षण के बारे मंं लोगों के विचारों में बड़ा मतभेद होता है हालांकि विरासत संरक्षण एक साझा प्रयास होना चाहिए। इसमें सभी हितधारकों को उनकी प्रतिबद्धताए भागीदारी एवं सहयोग के अनुरूप लाभ मिलना चाहिए। तेलंगाना सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की निदेशक सुश्री एन आर विसालट्चये ने अपने राज्य में स्मारकों के संरक्षण एवं खुदाई के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।


सैशन ष्रोल ऑफ स्पाउजेज इन होटल ऑपरेशंंस कन्वेंशन में आयोजित एक दिलचस्प सैशन ष्रोल ऑफ स्पाउजेज इन होटल में हेरिटेज होटलों के संचालन में स्पाउजेज के योगदान पर चर्चा की गई। सैशन में विचार सामने आये कि घर चलाने में किस प्रकार से महिला की सेवा एवं दक्षता शामिल होती है कोई व्यक्ति शानदार होटल तो बना सकता है लेकिन केवल महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान से ही मकान घर बन पाता है। इस सत्र में महिलाओं के हाउसकीपिंग एवं किचन के कार्यों से आगे बढक़र मार्केटिंग एवं फाइनेंस प्रबंधन करने जैसी भूमिकाओं पर भी जोर दिया गया। इस अवसर पर हेरिटेज होटलों पर आधारित कॉफ़ी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
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