भरतपुर/ केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब तबके के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना में जिले के कामा और पहाड़ी क्षेत्रों में घोटाला सामने आया है घोटाले की पराकाष्ठा यहां तक की थी कि मरे हुए व्यक्ति के नाम से ही प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा उठा लिया गया तो कहीं एक मकान की फोटो दो दो जगह लगा कर पैसा उठा लिया गया और कहीं तो प्रधानमंत्री योजना के तहत आवास बनाए ही नहीं गया और उसका भुगतान उठा लिया गया इस तरह करीब 1 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आने के बाद इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर 12 कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया है । सामाजिक कार्यकर्ता की सजगता और सांसद रंजीता कोली द्वारा संसद में उठाए गए मुद्दे के बाद की गई जांच में घोटाला उजागर हुआ।
भरतपुर के कामां थाना इलाके में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में बिना मकान बनाए ही अधिकारी सारा पैसा हड़प गए। घोटाले की शिकायत होने के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक टीम कामां पहुंची।
टीम के सदस्यों ने कामां पंचायत समिति गांव-गांव में जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों का सत्यापन किया। टीम उस समय होश उड़ गए जब एक मकान का फोटो पोर्टल पर दो जगह अपलोड कर उसका पैसा लेकर हड़प कर गए।
सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने टीम को बताया की सहसन गांव के रहने वाले हरबंस के नाम से सहायता राशि का किसी और व्यक्ति के खाते में भुगतान कर दिया गया है। इतना ही नहीं मरे हुए लोगों के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा उठा लिया। कई जगह तो बिना आवेदन किये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भुगतान कर दिया गया।
संसद में उठा मामला
प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे घोटाले को लेकर सांसद रंजीता कोली भी संसद में मुद्दा उठा चुकी हैं। सांसद रंजीता कोली ने प्रधानमंत्री आवास योजना में बनाए गए मकानों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी। प्रधानमंत्री आवास योजना 1 करोड़ 28 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। अधिकारियों ने 498 मकान कागजों में बनाकर योजना का पैसा हड़प कर गए। घोटाले का खुलासा होने पर 12 अधिकारीयों को निलंबित कर दिया गया है।
यह घोटाला पहाड़ी और कामां कस्बे में जांच के दौरान उजागर हुआ है। अब गबन की गई राशि इन अधिकारियों से वसूली जाएगी।