Bharatpur/राजेन्द्र शर्मा जती । जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने कामां थानाअधिकारी एवं नदबई थाना के पुलिसकर्मियों को छेडछाड के अलग अलग मामलों मेंक्लीन चिट दे दी है।
एसपी ने यह खुलासा करते हुए कहा है कि कामां थानाअ धिकारी की जांच एएसपी वन्दिता राणा एवं नदबई थाना पुलिसकर्मियों के मामले की जांच सीओ ग्रामीण द्वारा करने के बाद जांच रिपोर्ट में मामला झूठा पाया जाने पर इन्है निर्दोष साबित किया। कामां थाना अधिकारीक मरूददीन को जांच को दोरान लाइन में ले लिया गया जांच में निर्दोष पाएजा ने पर इन्है अब कामां थाना अधिकारी लगाया जायेगा।
जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने बताया कि 30 मार्च को एक महिला ने थानाधिकारी थाना कामां पर थाना परिसर में स्थित क्वार्टर पर बुलाकर छेडछाड के आरोप लगाये थे। जिस पर श्रीमति वंदिता राणा आईपीएस अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय को मौके पर भेजकर त्वरित जांच करवाई गई और जांच के लम्बित रहने के दौरान थानाधिकारी को पुलिस लाईन भरतपुर में
बुलबाया गया। ताकि जांच प्रभावित न हो।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय की जांच में पाया कि भूखण्ड को लेकर परिवादिया व दूसरे पक्ष के बीच
पुराना विवाद चल रहा है। जिसकी पंचायत भी हुई थी। भूखण्ड विवाद को लेकर दिनंाक 24 जनवरी 21 को दोनों पक्षों में झगडा हुआ। जिसके संबंध में मामला
दर्ज हुआ था। जिसमें थानाधिकारी द्वारा अनंुसंधान के दौरान परिवादिया के चाचा को गिरफ्तार किया गया था। और परिवादिया पक्ष के ही एक व्यक्ति के घर
से सिंथेटिक दूध व रसायन बरामद होने पर थानाधिकारी द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया था।
इन प्रकरणों के दर्ज होने पर परिवादिया की चाची न्यायालय इस्तगासा से दूसरे पक्ष पर दबाब बनाने के लिये मामला दर्ज कराया और सिंथेटिक दूध के मामले में दर्ज किये गये प्रकरण के लिये पुलिस पर अनुचित
दबाब बनाने के लिये न्यायायल इस्तगासा से प्रकरण दर्ज करवाया। इन मामलों में पुलिस पर दबाब बनाकर अपने पक्ष में कार्यवाही के लिये परिवादिया ने थानाधिकारी थाना कामां के खिलाफ झूठी शिकायत की।
और जांच के दौरान परिवादिया आरोपी थानाधिकारी को पहचान भी नहीं पाई। इसी प्रकार 2.अप्रैल को एक महिला ने पुलिस थाना नदबई के 3 पुलिस कर्मियों के खिलाफ छेडछाड करने आरोप लगाते हुये शिकायत की थी। जिसकी तत्कालीन जांच वृत्ताधिकारी वृत ग्रामीण द्वारा करवाई गई जो पूर्णतः झूठी पाई है। जांच रिपोर्ट के
निष्कर्ष के अनुसार नदबई निवासी एक महिला द्वारा परिवादिया के पति के खिलाफ नदबई थाने पर परिवाद दर्ज करवाया गया था।
जिसकी जांच के लिये परिवादिया के पति को बुलाने के लिये घर गई पुलिस का परिवादिया ने विरोध
किया। परिवादिया द्वारा पुलिस पर दबाब बनाने के लिये एवं स्वयं के पति के विरूद्ध किये गये परिवाद में कार्यवाही में बचाने के लिये पुलिसकर्मियों पर छेडछाड करने का झूठा आरोप लगाते हुये शिकायत की गई थी। छेडछाड की झूठी शिकायत करने वाली दोनों परिवादी महिलाओं के खिलाफ विधि संवत कार्यवाही की
जायेगी।