भरतपुर/ राजेन्द्र शर्मा जती। भले ही सरकार ने अनाथ, गरीब एवं दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रखी है लेकिन भरतपुर जिले की कामा तहसील अंतर्गत ग्राम सतवास निवासी दो दिव्यांग एवं अनाथ युवकों को प्रशासनिक तंत्र की उपेक्षा के चलते किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। जिसके कारण दोनों युवक भूख से मरने के लिए विवश हैं।
गांव सतवास में कच्ची झोपड़ी में रहने वाले दोनों युवक सगे भाई हैं जिनके मां बाप की मृत्यु हो चुकी है। शारीरिक रूप से दिव्यांग दोनों युवकों को न तो खाद्य सुरक्षा योजना का गैंहू मिल रहा है एवं न हीं पेंशन सहित अन्य कोई सरकारी योजना का लाभ मिला है। इस संबंध में सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं दिव्यांग अधिकार महासंघ के जिलाध्यक्ष डॉ घनश्याम व्यास तथा सामाजिक कार्यकर्ता नारायण शर्मा शेरगढ़ यूपी ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से दोनों युवकों को सरकारी योजनाओं का अविलंब लाभ दिलवाने की मांग की है। गांव सतवास निवासी युवक पुष्पेंद्र ठाकुर एवं राजकुमार ठाकुर आंखों एवं पैरों से दिव्यांग है।
दोनों भाइयों के पिता की करीब 5 साल पहले मृत्यु हो गई थी तथा 1 साल पहले उनकी माता भी चल बसी थी। तभी से दोनों युवक अनाथ हो गए हैं तथा बदहाली का जीवन जी रहे हैं। पड़ोस के लोग उन्हें रोटी दे जाते हैं तो वे अपना पेट भर लेते हैं वरना भूखे ही सो जाते हैं। पुष्पेंद्र ठाकुर को आंखों से दिखाई नहीं देता है तथा उसके पैर भी अपंग है।
इसके अलावा राजकुमार ठाकुर हाथ पैरों से दिव्यांग है। दोनों युवकों के नाम न तो बीपीएल सूची में शामिल है एवं न हीं उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है। दिव्यांग एवं अनाथ होने के बावजूद भी दोनों युवकों को पेंशन भी नहीं मिल रही है।