Bharatpur news / राजेंद्रजती । पूरे देश मे फैली वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगो के जीवन को असत व्यस्थ करके रख दिया है। इस महामारी का सबसे ज्यादा असर मजदूर वर्ग पर पड़ा है क्योंकि लॉक डाउन में सभी कारखाने, फैक्ट्री बंद हो गए है। जिसके बाद मजदूर वर्ग के काम धंधे पूरी तरह से चोपाट हो चुके है। और मजदूर वर्ग के बाद व्यपारियो की इस महामारी ने कमर तोड़ कर रकह दी है। कुछ ऐसे व्यापार है जिनमें व्यपारियो के सामने अपने परिवार को पालने की भी समस्या खड़ी हो गई है। आज ऐसे ही एक व्यापार को हम बात करेंगे।
शादियों में होती है सफेद घोड़े की डिमांड
हमारे देश मे जब भी शादियां होती थी तो सफेद रंग के घोड़े की सबसे ज्यादा डिमांड की जाती थी क्योंकि दूल्हा सफेद रंग के घोड़े पर ही बैठना ज्यादा पसंद करता है। सफेद रंग के घोड़े को इतनी डिमांड थी कि घोड़े मालिको को उनके घोड़े के चंद घंटों के ही 5 हज़ार से ज्यादा रुपये मिल जाते थे। लेकिन जब से कोरोना महामारी फैली है तब से ये ऐसा व्यापार है जो पूरी तरह से ठप्प हो चुका है घोड़े मालिको के पास अपने परिवार को पालने के लिए कोई व्यवस्था नही है।
कोरोना काल घोड़ो की भी हालत बत्त से बत्तर
तो ऐसे में घोड़ो की भी हालत बत्त से बत्तर होती जा रही है। जब से ये महामारी फैली है तब से सफेद रंग के घोड़े ऐसे ही तबेलों में खड़े हुए है। घोड़े मालिक जैसे तैसे कर अपने घोड़ों को एक समय का खाना खिला पा रहे है और वैसे जब इनकी डिमांड होती थी तब घोड़ो को अच्छी देखभाल में रखा जाता था। ताकि कोई भी ग्राहक आये तो वह उन्हें एक बार मे पसंद करें। अब घोड़े बग्गियों में भी नही चल पा रहे क्योंकि शहर में लगे कर्फ्यू के बाद सभी प्रकार के व्यापार बंद कर दिए गए है। और आज कल ई रिक्शा, ऑटो ने बग्गियों को पीछे छोड़ दिया लोग अब बग्गियों में बैठना भी पसंद नही करते।
हमने एक एक घोड़े वयापारी से बात की तो उसने बताया कि उनके पास जो घोड़े है उनकी काफी हालात खराब है पहले घोड़ो को दो समय का खाना दिया जाता था लेकीन अब एक समय का खाना देकर घोड़ो का गुजर बसर कर रहे है। घोड़े को हालात इतनी खराब है कि अगर इन घोड़ों को सवारी के उपयोग में लेते है तो ऑटो और ई-रिक्शा चालक आधे भाड़े में ही सवारियों को ले जाते है।
अब व्याह शादियां भी पूरी तरह से बंद हो चुकी है जिसके कारण ये सफेद घोड़े जब से ऐसे ही खड़े हुए है। अगर इनको बेचना भी चाहे तो अब ये घोड़े आधे दामो में बिकते है। अगर देश मे ऐसे ही माहौल चलता रहा तो सभी घोड़े भूख की वजह से मर जायेंगे। व्यपारियो ने बताया कि ये घोडे सिर्फ शादियों के लिए उपयोग में लिए जाते थे लेकिन अब इनका कोई उपयोग नही हो रहा लॉक डाउन के बाद स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि व्यापारी अपने बच्चों का पेट भरे या इन घोड़ो का।
ऐसे में घोड़ो का व्यापार पूरी तरह से चोपाट हो चुका है तो सरकार को इनके बारे में भी कुछ सोचना चाहिए नही तो व्यपारियो और घोड़ों के सामने खाने पीने की समस्या पैदा हो जाएगी।