भरतपुर विधानसभा चुनाव मे इस बार चौंकाने वाले परिणाम आएँगे ,भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर

liyaquat Ali
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भरतपुर (राजेन्द्र जती )। भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में नामांकन वापिसी का
समय निकलने के बाद निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव चिन्ह आवंटन करने के
साथ ही अब 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गये हैं। इस बार भरतपुर
क्षेत्र में कांटे का मुकाबला रहने की संभावना है। सभी उम्मीदवार
मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं।

इन उम्मीदवारों में प्रमुख राजनैतिक दलों में भाजपा से तीन बार से लगातार
विधायक एवं भाजपा उम्मीदवार विजय बंसल, कांग्रेस एवं राष्ट्रीय लोकदल के
संयुक्त उम्मीदवार डा. सुभाष गर्ग, आप पार्टी के उम्मीदवार संजीव गुप्ता
एवं भारत वाहिनी पार्टी के उम्मीदवार गिरधारी तिवारी, शिवसेना के
उदयसिंह, एपीआई के उम्मीदवार महेन्द्रसिंह सिकरवार के अलावा निर्दलीय
उम्मीदवारों में विधानसभा चुनाव में दो बार से दूसरे नंबर पर रहे
दलवीरसिंह जघीना एवं डा. मनीष चैधरी की पत्नि डा. ऋतु चैधरी मुख्य हैं जो
चुनाव प्रचार में लगे हैं।

इस चुनाव मंे भाजपा उम्मीदवार विजय बंसल एवं कांग्रेस व रालोद के संयुक्त
प्रत्याशी डा. सुभाष गर्ग एवं भारत वाहिनी के उम्मीदवार गिरधारी तिवारी,
आप पार्टी के संजीव गुप्ता इस चुनाव में सक्रियता दिखा रहे हैं। विजय
बंसल पिछले तीन बार से विधायक एवं नगर परिषद में सभापति, उपसभपति चुनाव
लडने का अनुभव रखते हैं वहीं डा. सुभाष गर्ग एवं संजीव गुप्ता पहली बार
चुनाव मैदान में हैं। जबकि गिरधारी तिवारी भी पिछला चुनाव दमदारी से लड
चुके है। निर्दलीय उम्मीदवारों में दलवीरसिंह भी दो बार चुनाव लडकर सशक्त
उम्मीदवार रह चुके हैं। चुनाव में इस बार वैश्य समाज के तीन उम्मीदवार
चुनाव मैदान में होने से समाज के लोग अभी तय नहीं कर पा रहे हैं कि एक
उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर पायेंगे।

इससे पहले वैश्य समाज से विधायक विजय बंसल तीन बार से एकमात्र                                      समाज के उम्मीदवार होने से वैश्य समाज के
सर्वाधिक मतों को लेते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी चिंता बढी हुई है।
पिछले चुनावों में ब्राहम्ण समाज के एक से अधिक उम्मीदवार होने की वजह से
समाज का वोट बंटता रहा है लेकिन इस बार मुख्य रूप से भारत वाहिनी पार्टी
के उम्मीदवार गिरधारी तिवारी चुनाव मैदान में हैं। ब्राहम्ण वोटों को
लेने के लिए कांग्रेस, भाजपा भी प्रयास में लगी हैं। परिसीमन के बाद
भरतपुर क्षेत्र में जाट वोटों की बहुतायत होने की वजह से जाट उम्मीदवार
भी सशक्त दावेदारी दिखा रहे हैं।

अगर जाट वोटों का कांग्रेस, भाजपा, भारत
वाहिनी एवं आप पार्टी में बंटवारा नहीं होने से एक जाट उम्मीदवार के पक्ष
में धु्रवीकरण होता है तो जाट उम्मीदवार टक्कर में आ सकता है। फिलहाल चार
जाट उम्मीदवारों में दलवीरसिंह, डा. ऋतुसिंह, उदयसिंह, महेन्द्रसिंह
सिकरवार चुनाव लड रहे हैं जिनमें से एक उम्मीदवार दलवीरसिंह एवं डा.
ऋतुसिंह अपने को सशक्त मानकर चल रहे हैं।

पिछले चार दशक से भरतपुर सीट पर ब्राहमण समाज के उम्मीदवार विधायक बनते
रहे हैं लेकिन पिछले तीन बार से वैश्य समाज के विधायक विजय बंसल हैं।
कांग्रेस ने इस बार वैश्य समाज के उम्मीदवार पर भरोसा जताया है। फिलहार
चुनाव में चतुष्कोणीय संघर्ष बनने के आसार दिखाई दे रहे हैं। अभी चुनाव
की शुरूआत है। मतदान से पहले कई उतार चढाव चुनाव में दिखाई दे सकते हैं।
प्रमुख राजनैतिक दलों के स्टार प्रचारकों के आने के बाद ही चुनाव में
रंगत आयेगी।

पीएम नरेन्द्र मोदी भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में 28
नवम्बर को भरतपुर आ रहे हैं जहां वे चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। आप
पार्टी के दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के अलावा अन्य नेता भी
आने की संभावना है। वहीं कांग्रेस एवं रालोद के अनेक स्टार प्रचारक भी
भरतपुर आकर चुनावी सभा में भाग ले सकते हैं।
इन चुनावों को लेकर सभी प्रमुख उम्मीदवारों ने अपने प्रचार की शुरूआत कर
दी है और वे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने में लगे
हैं।

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