Tonk News (फ़िरोज़ उस्मानी)- घर मे खेल रही चार वर्ष की मासूम बालिका को घुमाने के बहाने सुनसान जंगल में लेकर जाकर दुष्कर्म करने के आरोपी रियाजुद्दीन उर्फ भूरिया को पोक्सो कोर्ट विशिष्ठ न्यायाधीश मानसिंह चुंडावत ने दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक कारावास में रहने की सज़ा सुनाई है। आरोपी को 2 लाख 30 हज़ार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
पोक्सो कोर्ट के विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहम्मद मियां गुलजार ने बताया कि 25 अप्रेल 2019 को कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया गया कि रिजाजुद्दीन उर्फ भूरिया पुत्र नूर मोहम्मद उम्र 30 वर्ष निवासी बहीर टोंक घर में खेल रही 4 साल की बालिका को घुमाने के बहाने से मोटरसाईकिल पर बैठाकर ले गया। आरोपी ने मासूमा को सुनसान जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मासूमा को घायलावस्था में उसके घर पर छोड़ कर भाग गया। मामले को लेकर कोतवाली थाना पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। पीडि़ता की ओर से पैरवी पोक्सो कोर्ट के विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहम्मद मियां गुलजार ने की।
दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद न्यायालय लैगिंग अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012(पोक्सो कोर्ट) के विशिष्ठ न्यायाधीश मानसिंह चुंडावत ने रिजाजुद्दीन उर्फ भूरिया को दोषी माना। आरोपी को आजीवन कारावास (अन्तिम सांस तक) की सज़ा सुनाई। आरोपी को 2 लाख 30 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया।