जयपुर में अखबार बांटने वाले हॉकर की हत्या पर बवाल,पथराव-लाठीचार्ज, पूर्व विधायक को पीटा

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बगरू के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा के चोट आई हैं
धक्का-मुक्की और पथराव में डीसीपी ईस्ट और
बगरू के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा के चोट आई हैं
जयपुर
खो-नागोरियान इलाके में गुरुवार को अखबार के रुपए मांगने गए हॉकर की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या करने के बाद बवाल मच गया। हत्या में शामिल  लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपा नेताओं ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और नेताओं के बीच हुई धक्का-मुक्की ने तूल पकड़ लिया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। धक्का-मुक्की और पथराव में डीसीपी ईस्ट और बगरू के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा के चोट आई हैं।
हालातों को संभालने के लिए आसपास के थानों से जाप्ता तैनात करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने थानाधिकारी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उसे निलम्बित करने की मांग की। उनका आरोप है कि थानाधिकारी न तो तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और न ही गुस्साई भीड़ को शांत करने के प्रयास किया।
डीसीपी (ईस्ट) राहुल जैन ने बताया कि हॉकर मन्नू वैष्णव (55) निवासी शंकर विहार कॉलोनी की हत्या करने वाले आरोपी रफीक खान (45) को पुलिस निगरानी में ले लिया है। वह पास का ही रहने वाला है और मानसिक रूप से कमजोर है। घटनाक्रम के अनुसार मन्नू से रफीक अखबार खरीदता था। वह काफी दिनों से अखबार का भुगतान नहीं कर रहा था,जिसका तकाजा करने वह सुबह करीब साढ़े आठ बजे उसके घर पहुंचा था। उसने पैसे मांगे तो बौखलाया रफीक कुल्हाड़ी लेकर आया। हॉकर कुछ समझता उससे पहले आरोपी ने उसके सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। वह बाइक पर बैठा था जिसके चलते उसके मंसूबों को समझ नहीं सका। कुल्हाड़ी के वार से वह लहूलुहान होकर वहीं ढेर हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया,जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना स्थल पर जमा हुई भीड़ ने आरोपी को भागने से पहले ही दबोच लिया। भारी संख्या में एकत्र हुए लोगों ने रफीक की जमकर पिटाई कर दी जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाकर निगरानी में रखा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हत्या में रफीक के साथ और भी लोग थे मगर पुलिस ने उन्हें चिह्नित कर पकडऩे के प्रयास नहीं किए। गुस्साई भीड़ इसे मॉब लिंचिंग से जोड़कर आरोप जड़ रही थी। स्थानीय लोगों का आरोप यह भी है कि जान-बूझकर मामला मानसिक रूप से कमजोर रफीक के ऊपर थोपा जा रहा है जबकि हत्या करने वालों में और लोग भी हैं। रफीक को मुख्य आरोपी बनाने पर लोगों का आरोप है कि उसे मनोरोगी होने का फायदा मिलेगा और शेष आरोपी पुलिस के शिकंजे से दूर हो जाएंगे।
घटना का पता चलते ही पूर्व संसदीय सचिव कैलाश वर्मा, पूर्व विधायक अशोक परनामी,कन्हैया लाल मीणा, अरुण चतुर्वेदी और सांसद रामचरण बोहरा तथा किरोड़ी लाल मीणा के अलावा समाचार वितरक संघ के पदाधिकारी भी खो-नागोरियान थाने पहुंच गए। हत्या के शेष आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग में भारी भीड़ ने नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी बीच नेता थाना परिसर में टैंट लगाकर धरने की तैयारी करने लगे तो पुलिस ने उनका विरोध किया।
देखते ही देखते छावनी में तब्दील हुए खो-नागोरियान इलाके में अफरा-तफरी के बीच दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। प्रदर्शनकारी उग्र हुए तो पुलिस ने लाठियां भांजकर खदेडऩा शुरू किया। गुस्साई भीड़ ने जवाबी कार्रवाई में पुलिस पर पथराव किया को कानून व्यवस्था चरमरा गई। आलाधिकारियों ने भारी पुलिस बल तैनात कर समझाइश के दौर शुरू किए हैं।
पुलिस के लाठी चार्ज से पूर्व संसदीय सचिव कैलाश वर्मा घायल हो गए। भीड़ ने भी पथराव किया तो डीसीपी जैन के चोट लगी मगर हैलमेट लगा होने से वे गंभीर चोट से बच गए। जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक कैलाश वर्मा घायल वर्मा को अस्पताल ले जाने लगे तो डीसीपी हैड क्वार्टर कावेन्द्र सागर ने उन्हें रोक लिया। रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने लूणियावास के पास रास्ता जामकर टायर जलाकर प्रदर्शन शुरू किया तो यातायात व्यवस्था चरमराने के साथ ही इलाके में दहशत फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बेरीकेट्स लगाकर रास्ता जाम कर दिया।
धरना देने से लेकर सुलह को लेकर नेता और पुलिस के बीच कई बार वर्ताओं का दौर चला जो  विफल हुआ। प्रदर्शनकारी मानसिक रूप से कमजोर  रफीक के साथ शामिल रहे अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। बाद में भाजपा नेताओं ने मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग की तो पुलिस निरुत्तर हो गई। देर शाम तक थाने के बाहर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा थे तो भारी जाप्ता उन्हें घेरे हुए था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रफीक सिरफिरा है। वह कई बार हाथ में चाकू लेकर घूमता है और झगड़ा करने पर आमादा रहता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पुलिस ने ऐसे व्यक्ति पर कार्रवाई की होती तो एक व्यक्ति की जान जाने से बच जाती। जानकारी यह भी मिली है कि उसने बुधवार रात को भी अपनी पत्नी पिटाई की तो वह दूसरी जगह चली गई। मृतक के इलाके में जरूरतमंदों को छोटी-मोटी रकम उधार देने की बात भी सामने आई है। माना जा रहा है कि अखबार के अलावा मन्नू उससे उधारी के पैसे मांगता था जिसका तकाजा करने वह गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना के पीछे छिपे कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है।
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