जयपुर/ आप अक्सर अखबार में पढ़ते या टीवी पर खबरो में देखा होगा कि आवारा कुत्तो में मासूम बच्चे को काट खाया जान वोट डाला उसके अलावा कुत्तों के काटने की घटनाएं रोजाना घटित होती है ।
लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि कुत्ते के काटने पर पीड़ित व्यक्ति को लाखों रुपए बतौर मुआवजा नियमानुसार देना पड़ता है और यही नहीं कुत्ता पालने के लिए भी लाइसेंस लेना पड़ता है।
हालांकि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम नगर परिषद और उपखंड क्षेत्र में नगर पालिका अभियान चलाकर तथा कहीं-कहीं पर स्वयंसेवी संगठन भी भक्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ते हैं ।
लेकिन इसके बाद भी आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती रहने के साथ ही यह आवारा कुत्ते राह चलते राहगीरों और बच्चों को काट लेते हैं लेकिन उनकी काट लेने पर जो पीड़ित है उसको मुआवजा देने का भी प्रावधान है अजय सिंह बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के एक मामले में फैसला दिया गया था ।
कि अगर सड़क के कुत्ते काट ले तब उस व्यक्ति को ₹1 लाख नगर परिषद या नगरपालिका अर्थात मुंसिपल कॉरपोरेशन ₹1 लाख राज्य सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा । देश में अभी केरल एक अकेला राज्य है जहां पर कुत्ता काटने के मामले में मुआवजा मिलता है।
केरल में कुत्ता काटने पर मिलता है मुआवजा
केरल ही देश का एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां पर कुत्ते के काटने वाले मामले में पीड़ित को मुआवजा मिलता है और मुआवजा तय करने के लिए कमेटी भी बनाई गई है केरल हाई कोर्ट के पूर्व जज एस सिरी जगन की 3 सदस्यीय कमेटी को कुत्ते के काटने के 2496 मामले मिले थे इनमें से 456 मामलों में मुआवजा दिया गया था।
वही अगर दूसरी और अगर कोई पालतू कुत्ता काट ले तो सजा का प्रावधान है इसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) 289 के अनुसार कुत्ते के मालिक के मालकिन को सजा होती है और इसमें अधिकतम 6 महीने की सजा और ₹1000 जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
इसके अलावा कुत्ता पालने के लिए भी लाइसेंस लेना जरूरी है और अगर बिना लाइसेंस के कुत्ता पाला जाता है तो इसके लिए जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।