असदुद्दीन ओवैसी जादू टोंक में नहीं चला

Reporters Dainik Reporters
4 Min Read
Asaduddin Owaisi

टोंक। एआईएमआईएस के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ( Asaduddin Owaisi ) आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रविवार को टोंक पहुंचे। उनका छावनी, गोल हवेली सहित बड़ा कुआं से घण्टाघर तक रोड शो में स्वागत किया गया। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी जादू टोंक में नहीं चला सचिन पायलट के गढ़ में उनकी सभा फ्लॉप रही।

ओवेसी ने गांधी खेल मैदान में सभा में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में टोंक सहित राज्य की 30 सीटों से उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को भी मिलना चाहिए। ओवैसी ने कांग्रेस एवं भाजपा को कोसते हुए मुसलमानों से कहा कि चुनाव के वक्त दोनों ही दल आपको वोट बैक के रूप में इस्तेमाल करती है।

अपने हकों के लिए फैसले भी खुद को ही लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में धर्म के नाम से वोट मांगे जाते है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई आकर नहीं पूछता। मुसलमानों को कभी गौ हत्या के नाम से गौरक्षकों की ओर से मारा जाता है तो कभी लव जिहाद के नाम से, लेकिन कोई मुसलमानों का साथ नही देता।

उन्होंने जनसभा में कहा कि इसका कारण पता है न तो संसद में ही विधानसभा में कोई नुमाइंदगी नहीं है। चाहे लोकसभा हो या विधानसभा वहां जाति, धर्म ए सवर्ण व ओबीसी आदि की या तो आबादी के मुताबिक या उससे अधिक नुमाइंदगी है लेकिन मुसलमानों की नहीं।

ओवैसी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि ओवैसी या उसकी पार्टी का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ता है तो कहते है कि ये मुसलमानों के वोट काटने के लिए खड़े होते हैं। अब आपको खुद को समझना होगा कि अपनी वोट की ताकत को समझे तथा आपके हकों के लिए ओवैसी का साथ दें।

उन्होंने कहा कि सरकार मौत पर भी अलग-अलग मुआवजा करती है। उदयपुर में हुई तो ५० लाख रुपए और सरकारी नौकरी दे दी गई। लेकिन अलवर समेत अन्य में गो तस्करी के नाम पर हुई मौत पर महज आश्वासन दिया जाता है। यह दोहरी नीति है। 75 सालों से आप वोट डालने वाले बन हुए है, वोट लेने वाले नहीं।

आज हिन्दुस्तान में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। संसद के 16-17 चुनाव हो चुके है, लेकिन 22-23 मुसलमान ही जीतकर आते है, जो पांच प्रतिशत ही है। आखिर क्या वजह है कि मुसलमान संसद में जीतकर नही आते है।

उन्होने कहा कि चुनाव के समय लोकतंत्र के नाम पर मुसलमानों के जिम्मेदारों द्वारा मस्जिदों से एलान कर मुसलमानों से कहा जाता है कि यह चुनाव मुसलमानों के लिए जिन्दगी और मौत का चुनाव है, चुनाव में मुसलमानों के वोट लेकर बाद में उन्हें कोई पूछता भी नहीं।

चुनाव के बाद रोड़ पर मुसलमान को कत्ल कर दिया जाता है तो वोट लेने वाले मुसलमनों को भूल जाते है। आप सबको अपनी समस्याओं से निपटना है तो अपना नेता चुनना होगा, आपको नेता बनना पड़ेगा ।

इस मौके पर कोर कमेटी सदस्य राजस्थान, टोंक जिलाध्यक्ष एड. कासिफ जुबेरी, एड. मुजाहिद, कारी इमरान, प्रवक्ता एड. जावेद, अब्दुल गफूर शेरा, साहबजादा मो. अहमद, यसवन्त कुमार टाक, आतिफ, दानिश, सोहेब, फरदीन खां, मसूद अख्तर आदि मौजूद रहे।

Share This Article
[email protected], Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.