आर्टिफिशियल स्वीटनर और इस कोल्ड ड्रिंक व च्यूइंग गम से जान को खतरा

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ आजकल शुगर रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इस बढ़ती बीमारी के प्रति आमजन भी अब सजग होने लगा है और इसी कड़ी में आमजन शुगर फ्री दवाई और खाद्य वस्तुएं अर्थात आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग करने लगा है।

यह मानकर कि इससे शुगर नहीं होगा केवल स्वाद के लिए है लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) एक शोध में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर तथा कोल्ड ड्रिंक और च्यूइंग गम स्वास्थ्य के लिए जानलेवा हैं और इससे कैंसर रोग की संभावना अधिक है ।

न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार WHO की रिसर्च में दुनिया के सबसे आम आर्टिफिशियल स्वीटनर में से एक एस्पार्टेम (Aspartame) के कैसरजन होने की जानकारी मिली है। इसका मतलब है कि एस्पार्टेम के सेवन से कैंसर होने का खतरा है।

एस्पार्टेम का इस्तेमाल कोका-कोला के डायट सोडा से लेकर मार्स एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ अन्य ड्रिंक्स में होता है। इसे जुलाई में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा पहली बार “संभवतः मनुष्यों के लिए कैंसरकारी” के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा।

अभी यह नहीं बताया गया है कि एस्पार्टेम युक्त कितने उत्पाद का एक इंसान सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकता है। एक व्यक्ति किसी नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ का कितना सेवन कर सकता है ।

यह सुक्षाव राष्ट्रीय नियामकों के निर्धारण के साथ-साथ खाद्य योजकों पर एक अलग WHO विशेषज्ञ समिति द्वारा दिया जाता है। इसे JECFA (Joint WHO and Food and Agriculture Organization’s Expert Committee on Food Additives) द्वारा दिया जाता है।

एस्पार्टेम के इस्तेमाल की JECFA कर रही समीक्षा

एडिटिव्स पर डब्ल्यूएचओ की समिति JECFA इस साल एस्पार्टेम के इस्तेमाल की समीक्षा कर रही है। 1981 में JECFA ने कहा था कि एक सीमा के भीतर रोज अगर एस्पार्टेम का सेवन किया जाता है तो यह सुरक्षित है।

उदाहरण के लिए 60 किलोग्राम वजन वाला एक वयस्क अगर दिन में 12-36 कैन डाइट सोडा (एस्पार्टेम की मात्रा के अनुसार) पीता है तो वह जोखिम उठा रहा है।

विदित है कि एस्पार्टेम का व्यापक अध्ययन किया गया है। पिछले साल फ्रांस में 100,000 वयस्कों के बीच स्टडी से पता चला कि जो लोग बड़ी मात्रा में आर्टिफिशियल स्वीटनर (जिसमें एस्पार्टेम भी शामिल है) का सेवन करते हैं उनमें कैंसर का खतरा थोड़ा अधिक था।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम