Alwar news: राजकीय महिला अस्पताल (Rajykiy Mahila Hospitel) में प्रभारी के साथ मारपीट करने की घटना के बाद शहर के तीनों अस्पतालों (Three hospitals)में हड़ताल (strike) शुरू हो गई, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां तक कि महिला अस्पताल में प्रसव कराने आई महिलाओं को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल की सूचना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे और समझाने की कोशिश करने लगे।
पर डॉक्टर और अन्य स्टाफ पर प्रशासनिक अधिकारियों के समझाइस का कोई असर नहीं हुआ। महिला अस्पताल (mahila hospitel) के प्रभारी डॉ. श्याम बिहारी झारेड़ा के साथ मारपीट करने की आरोपी महिला सीमा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीमा की डॉक्टर झारेड़ा के साथ मारपीट करने की घटना सीसीटीवी कैमरे (CCTV CEMARA) में कैद हुई है।
सीमा यहां पर पूर्व में सफाई कर्मियों की इंचार्ज बताई गई है, जिसे हटा दिया गया था। अब डॉक्टरों की मांग है कि इसमें ठेकेदार की भी मिलीभगत है, इसलिए उस ठेकेदार को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक अलवर के सामान्य अस्पताल, महिला अस्पताल और शिशु अस्पताल में हड़ताल जारी रहेगी।
हटाने के बाद भी सीमा अस्पताल में आने-जाने लगी, तो इसका विरोध अन्य कर्मचारियों ने किया और मंगलवार को महिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. श्याम बिहारी ने ठेकेदार से इसके अस्पताल में आने पर पाबंदी लगाने को कहा। इस बात को लेकर महिला सीमा खफा थी और जैसे ही अस्पताल खुला और डॉ. श्याम बिहारी झारेड़ा अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे, तो अस्पताल की गैलरी में ही पीछे से दौड़ती आई उसने चप्पल उतार कर पीछे से पीटना शुरू कर दिया।
जैसे ही अन्य डॉक्टरों और स्टाफ को इस घटना का पता चला तो वह तुरंत ही अपने आउटडोर व इंडोर छोड़कर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर एकता का नारा लगाते हुए सभी एकत्र हुए और हड़ताल(strike) की घोषणा की। उसके बाद आईएमए(IMA) हॉल में आकर इन्होंने सभा की, जिसमें डॉक्टरों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की और अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
सूचना के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर (ADM)उत्तम सिंह शेखावत व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र सिंह सहित भारी पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे ओर पीएमओ(PMO) कक्ष में प्रशासनिक अधिकारी और डॉक्टर की बैठक हुई।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर सिटी उत्तम सिंह शेखावत ने बताया कि दोषी महिला को गिरफ्तार(Arrested) कर लिया गया है और यह पहले संविदा पर नियुक्त रही है,तभी से विवाद चल रहा था। महिला और इनके खिलाफ जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी और राजकार्य में बाधा पैदा करने का अधिकार किसी को भी नहीं है।
इधर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सुनील चौहान ने बताया कि डॉक्टरों की मांग है कि हाथापाई मामले में ठेकेदार को भी गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि उसकी मिलीभगत के बिना महिला ऐसा कदम नहीं उठा सकती। अस्पताल में मरीजों की परेशानी को देखते हुए तीनों अस्पताल में दो-दो चिकित्सकों को इमरजेंसी सेवाओं के लिए नियुक्त किया गया है।
जैसे ही अस्पताल में हड़ताल शुरू हुई वैसे ही आउटडोर में मरीजों की काफी लंबी भीड़ लग गई। शिशु अस्पताल में भी छोटे-छोटे बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।