Alwar News – शहर के राजकीय गीतानंद शिशु चिकित्सालय में मंगलवार सुबह फैसिलिटी वैस्ड न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एफबीएनसी) में ऑक्सीजन पाइप लाइन लीकेज होने से आग लग गई। आग से नवजात झुलस गई और 14 अन्य बच्चों को बचा लिया गया। सूचना के बाद जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया और प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारी एवं अस्पताल प्रशासन मौके पर पहुंचा। आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने नवजात को जयपुर रैफर कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने शिशु अस्पताल में बच्ची के झुलसने के मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है जो दोपहर में अस्पताल पहुंची।
इस टीम में ज्वॉइंट डायरेक्टर सुरेश भंडारी, सीएमएचओ ओ.पी. मीणा और पीएमओ सुनील चौहान को शामिल किया गया है। टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मीणा ने बताया कि इस मामले की प्रारम्भिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने प्रशासनिक जांच कराने की बात कही है।
जैसे ही यह हादसा हुआ तो वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद 3 महिला नर्सिंग कर्मियों ने भर्ती 14 बच्चों को तो बचा लिया था,लेकिन एक बच्ची को वे समय रहते नहीं निकाल पाई थी। इस दौरान बच्चों को बचाते समय 3 नर्सिंग कर्मचारी भी झुलस गई। झुलसने के बाद तीनों नर्सिंग कर्मियों भारती मीणा, स्नेहा और ताराबाई को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर उत्तम सिंह शेखावत ने बताया कि इस यूनिट में ऑक्सीजन पाइप लाइन लीकेज होने से आग लग गई,जिसमें बच्ची पूरी तरह से झुलस गई है। उन्होंंने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी कि ड्यूटी पर कौन था, किसकी लापरवाही रही है, उपकरणों में क्या कमी रही है। उन्होंने बताया कि समय रहते 14 बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया है क्योंकि वार्ड में पूरी तरीके से धुआं फैल गया था,जिससे काफी दिक्कत हो सकती थी। इस वार्ड में 20 बच्चों को रखने क्षमता रखने वाली मशीनें लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
घटना के बाद अलवर शहर विधायक संजय शर्मा अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया तथा बच्ची के परिजनों से बातचीत की। इसके अलावा अस्पताल के डॉक्टरों और प्रशासन के अधिकारियों से मामले की रिपोर्ट ली। डॉक्टर ने कहा है कि इस बच्ची को वेंटीलेटर पर रखना जरूरी है लेकिन अलवर अस्पताल में इसकी सुविधा नहीं होने के कारण इसको जयपुर रैफर किया गया है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान का कहना है कि बच्ची की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं और एफ बीएनसी वार्ड में टेक्नीशियन की टीम बुला ली गई है जो जांच कर रही है।
नवजात के पिता लादिया मौहल्ला निवासी राहुल गौड़ ने बताया कि हाल ही 24 दिसम्बर को उसकी बेटी को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया था। सोमवार रात को ही डॉक्टरों ने कहा था कि बच्ची काफी रिकवर कर रही है और सुबह उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा,लेकिन मंगलवार सुबह 6 बजे फोन आया कि उस यूनिट में आग लग जाने से बच्ची जल गई है। उनका आरोप है कि अस्पताल में किसी भी तरीके से केयर नहीं की जाती हैं। स्टाफ और डॉक्टर सोते रहते हैं।
गौड ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने अपना पीछा छुड़ाने के लिए नवजात को जे.के. लोन अस्पताल जयपुर रैफर कर दिया है। पहले तो प्रशासन ने बताया नहीं कि कहां लेकर जा रहे हैं। आरोप है कि स्टाफ के लोगों ने बताया था कि रात को भी इस वार्ड में धुआं निकल रहा था। किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। उसकी 20 दिन की बच्ची 80 फीसदी झुलस चुकी है। एक तरफ का पूरा हिस्सा चेहरे सहित झुलस गया है। वैसे अस्पताल के वार्ड में आग ऐसी लगी कि जिस मशीन के हिस्से में वह बच्ची थी वो हिस्सा पूरा जल गया।
राहुल की शादी को करीब 4 साल हो गए, 4 साल के बाद बेटी ने जन्म लिया,जिस पर परिवार में खुशी का माहौल था। इनके परिवार में 62 साल के बाद बेटी पैदा हुई है। करीब 20 दिन पहले इस बच्ची का जन्म हुआ था, इसको निजी हॉस्पीटल में दिखाया था,लेकिन गत 5 दिन से सांस में तकलीफ होने के कारण इसको सरकारी अस्पताल में दिखाया जहां उसको मशीन में रखा गया था।