Alwar News । लगभग 866 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का बाघ परियोजना इलाके में वन्य जीवों की गणना सोमवार से शुरु हो गई। साल में 2 बार होने वाली वन्य जीव गणना के लिए सरिस्का प्रशासन ने वनकर्मियों के अलग-अलग दल बनाए हैं। यह गणना सोमवार से शुरु हुई हैं, जो 2 नवम्बर तक चलेगी।
सरिस्का डीएपओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि सरिस्का की 5 रेंज के साथ जयपुर वन्यजीव मंडल की अजबगढ़ रेंज में वन्य जीव गणना कराई जा रही है। इसके लिए छहों रेंज की 102 बीट में वन्यकर्मियों को अलग-अलग टीमों में बांटकर जिम्मेदारी दी गई है। मांसाहारी जानवरों की गणना साइन सर्वे तथा शाकाहारी जानवरों की गणना ट्रांजिट लाइन पद्धति से की जाएगी। दोनों श्रेणियों के वन्य जीवों की गणना 4-4 दिन कराई जाएगी। वन कार्मिकों की टीमें इस दौरान मांसाहारी जीवों के पगमार्क, शिकार, खरोंच, स्कैट सहित दिखाई देने वाले जीवों की जानकारी एकत्र करेंगे।
सरिस्का टाइगर रिजर्व अरावली हिल्स की गोद में राजस्थान के अलवर जिले में है। सरिस्का टाइगर रिजर्व या सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान अलवर जिले में शिकार करने के लिए आरक्षित क्षेत्र था। वर्ष 1955 में इसे वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा मिला और वर्ष 1978 में यह सरिस्का टाइगर रिजर्व बना। यह 866 वर्ग किमी के इलाके में फैला है। सरिस्का में रहने वाले वन्यजीवों में रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, कैरकल, धारीदार लकड़बग्घा (हायना), सुनहरा सियार, चीतल, सांभर, नीला सांड, चिंकारा, चौसिंगा शामिल हैं।