Ajmer News। महान सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रह. के 809वां उर्स मुबारक की कुल की रस्म अदा की गई, इसी के साथ जन्न्ती दरवाज़ा भी बंद हो गया और मुल्क में अमन चैन और खुशहाली के साथ पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से निजात के लिए खास दुआ की गई।
दरगाह शरीफ़ में उर्स की रौनक देर रात से ही दिखना शुरू हो गई थी, जाएरीन ख्वाजा बड़ी तादात में दरगाह शरीफ़ पहुंचे और अपनी मोहब्बतों के नज़राने पेश करते हुए नज़र आए। सुबह फज्र की नमाज़ सें ही जाएरीन उर्स में शामिल होने के लिए अपनी जगह बनाते हुए देखे गए। सुबह 11 बजे महफिल खाने में सज्जादानशीन साहब की सदारत में शाही कव्वाल असरार अहमद खान ने हमराहियों के साथ हजरत अमीर खुसरों का रंग पढ़ा। तक़रीबन सवा बारह बजे महफिल खत्म हुई और सज्जादानशीन साहब मज़ार शरीफ़ पर फातेहा के लिए पहुंचे। इसी दरमियान मलंग और कलंदर हज़रात क़दीमी छतरी गेट से महफिल खाने पहुंचते हुए दागौल की रस्म अदा की। इन तमाम रस्मों के दौरान दरगाह कमेटी मौरूसी अमले की जानिब से दरगाह शरीफ़ की क़दीमी रस्मों को अंजाम दिया गया। जहाँ शाहजहानी पर वाके नक्कार खाने से शादियाने बजाए गए वहीं बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप दागी गई। इस दौरान कई दरगाहों और खानक़ाहों के सज्जादानशीन और सूफी हज़रात ने शिरकत की।
उर्स के मौके़ पर दरगाह कमेटी सदर अमीन पठान ने सभी को उर्स की मुबारकबाद पेश करते हुएए ख्वाजा साहब की तालीमात पर अमल करने की गुज़ारिश की। उर्स के कामयाब होने की खुशी में पठान ने नाज़िमे दरगाह अशफ़ाक़ हुसैन और जुमला मुलाजामिन को मुबारकबाद पेश की।
हुई छठी की फातेहा
विश्रामस्थली पर सुबह 10 बजे छठी शरीफ़ की फातेहा हुई। इस मौके पर सुन्नी दावते इस्लामी के सैयद शाकिर नूरी ने ख्वाजा साहब के अमल पर अपना बयान किया और सभी की सेहत और खुशहाली के लिए दुआ की। विश्रामस्थली पर जुमे की नमाज़ अदा की गई, नमाज़ में हज़ारों की तादात में नमाजियों ने शिरकत की।