अजमेर/ राजस्थान में महिला यौन उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है इसी कड़ी में सबसे चौंकाने वाली घटना सामने आई जब अजमेर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जे एन एल में उपचार के लिए आई एक युवती को बेहोशी की दवा देकर एक संगीता नर्सिंग कर्मी द्वारा रेप की घटना को अंजाम दिया गया इस संबंध में देर रात अजमेर के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया और आला पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार रामगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक 23 साल की युवती उपचार के लिए अपने भाई के साथ जे एन एल अस्पताल आई थी यहां उसकी मुलाकात के पूर्व परिचित संविदा नर्सिंग गर्मी राज्य से हुई। नर्सिंग कर्मी राजेश में युवती को आपातकालीन इकाई में भर्ती कर उसके भाई को कहा कि तुझे काम है तो तू बाहर हुआ या मैं संभाल लूंगा परिचित होने के कारण युवती का भाई बाजार चला गया और इधर नर्सिंग कर्मी राजेश ने युवती को नशीली दवा देकर उसके साथ रेप किया जब काफी समय बाद युवती का भाई अस्पताल पहुंचा और अपनी बहन को अस्पताल में नहीं मिलने पर उसने उसकी तलाश की और राजेश को फोन किया तो उसने बजरंगगढ़ चौराहे पर नर्सिंग कर्मी राजेश उसकी बहन को बेहोशी की हालत में लेकर आ रहा था ।
राजेश ने उससे कहा कि तेरी बहन बयानों से से घर ले जा कुछ समय बाद होश में आ जाएगी इस पर युवती का भाई अपनी बहन को घर ले गया घर पहुंचने के कुछ समय बाद जब युवती को होश आया तो उसके कपड़े भी फटे हुए थे और उसे संजय हुआ किसके साथ कुछ गलत हुआ है और जांच-पड़ताल की तो सामने आया कि नर्सिंग कर्मी राजेश ने उसे कुछ दवा देकर बेहोश कर दिया और फिर उसके साथ रेप किया यह करतूत सामने आने पर युवती के बड़े भाई ने रामगंज थाने में घटना की सूचना दी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी इस पर पुलिस उप अधीक्षक उत्तर छवि शर्मा अपने दल के साथ जेएनएल अस्पताल पहुंची और तत्काल संविदा नर्सिंग कर्मी राजेश को हिरासत में लिया और घटनास्थल का निरीक्षण किया पुलिस के अनुसार आरोपी ने रेप की घटना को अस्पताल में ही अंजाम दिया बताते हैं फिलहाल पुलिस ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज निकालकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है और हिरासत में लिए गए संविदा नर्सिंग कर्मी राजेश से भी पूछताछ की जा रही है।
सवाल यह उठता है कि अस्पताल जहां उपचार किया जाता है रोगी को रोग से पीड़ा से राहत दी जाती है वहीं पर महिलाएं और युवतियां अगर सुरक्षित नहीं है तो फिर कहां होगी और नर्सिंग कर्मी जिस पर विश्वास किया जाता है अगर वही इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं तो फिर किस पर विश्वास किया जाए।