
नई दिल्ली/ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक आईएसआई के पाकिस्तानी आतंकवादी को पकडा जिससे हुई पूछताछ मे चौंकाने वाला खुलासा सामने आया की यह आतंकवादी ने दस्तावेजो के लिए भारतीय महिला से निकाह किया और पिछले 10 सालो से भारत मे रह रहा था तथा विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और ब्रह्मा की नगरी अजमेर शहर मे दरगाह इलाके मे रह कर झाड-फूंक की आड मे अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए आई एस आई के पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अशरफ से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि अशरफ लंबे समय तक अपनी पहचान छुपा कर अजमेर रहा था ।
अशरफ ने यहां अपना ठिकाना मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र दरगाह इलाके को बनाया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाह ने इस बात की पुष्टि की है कि आतंकवादी अशरफ कुछ समय तक राजस्थान के अजमेर में दरगाह इलाके में रुका था ।
फिलहाल जो जानकारी सामने आ रही है की उसके अनुसार आतंकवादी मोहम्मद अशरफ अजमेर में अपनी पहचान को छुपा कर रुका था और छोटे-मोटे काम करने के साथ ही वह यहां झाड़-फूंक का काम भी किया करता था ।
दिल्ली पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर मोहम्मद अशरफ ने अपने लंबे ठहराव के लिए अजमेर को क्यों चुना ? अपने इस ठहराव के दौरान अजमेर में किन लोगों के संपर्क में रहा और यहां उसकी क्या गतिविधियां रही ? क्या आतंकवादी मोहम्मद अशरफ यहां किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में तो नहीं था ?
पुष्कर तो नही था निशाने पर
पूर्व में मुंबई हमलों के आरोपी कोलमैन हेडली का भी पुष्कर आना और यहां इजराइली धर्मस्थल बेदखाबाद की रेकी करना भी है ।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक कोलमैन हेडली का भी सीधा कनेक्शन आईएसआई (ISI) से ही था। यही वजह है कि देश की खुफिया एजेंसी की चिंताओं को मोहम्मद अशरफ के अजमेर ठहराव ने बढ़ा दिया है ।