कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा से पहले नकल गिरोह का हुआ भण्डाफोड़, 11 गिरफ्तार

liyaquat Ali
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इनामी नकल गिरोह माफिया का भाई कोचिंग सेंटर की आड़ में चला रहा था नेटवर्क

 

अजमेर(नवीन वैष्णव)। प्रदेश भर में होने जा रही कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा से पहले ही जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने नकल गिरोह का भण्डाफोड़ करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से 4 लाख रूपए की रकम और नकल के लिए प्रयुक्त सामान भी जप्त किया गया है।

जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा था। इसी दौरान सामने आया कि नकल गिरोह के माफिया जगदीश बिश्नोई का भाई भीखाराम बिश्नोई कई अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास करवाने की गारंटी दे रहा है। बिश्नोई और उसके साथियों पर कड़ी नजर रखी गई साथ ही एक कॉन्सटेबल को फर्जी ग्राहक बनाकर भी इनके पास भेजा गया। कॉन्सटेबल से भी भीखाराम ने 7 लाख रूपए में परीक्षा पास करवाने का सौदा तय कर लिया।

कॉन्सटेबल लगातार भीखाराम के सम्पर्क में था और अन्य टीमें भी इनका पीछा कर रही थी। मंगलवार को पूर्णतया पुष्टि होने पर भीखाराम और उसके साथी अरूण व सुरेश को हिरासत में लिया गया और लगातार इनको अभ्यर्थियां से बातचीत भी पुलिस की निगरानी में करवा गई। आज जैसे ही दो अभ्यर्थी दो-दो लाख रूपए की राशि लेकर वहां पहुंचे तो दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं चार अन्य अभ्यर्थी भी फोटो मिलवाने या अन्य किसी बहाने से पहुंचे तो उन्हें भी दबोच लिया गया। एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि एक अभ्यर्थी 10 से 12 अभ्यर्थियों की फोटो भी लेकर पहुंचा, उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

5 से 7 लाख में होता था सौदा

एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि उक्त गिरोह केवल कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा में ही नहीं बल्कि लाईब्रेरियन, एलडीसी सहित कई अन्य परीक्षाओं में भी पास करवाने की गारंटी लेता है। एक अभ्यर्थी से 5 से 7 लाख रूपए की राशि ली जाती और उक्त पूरी राशि परीक्षा में बैठने से पहले ही प्राप्त की जाती थी। उन्होंने कहा कि कॉन्सटेबल भर्ती के 40 से 50 अभ्यर्थियों से उक्त गिरोह ने सौदा कर रखा था।

एक्सपर्टस की मदद

एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि उक्त गिरोह का सरगना भीखाराम बिश्नोई अनुपम कोचिंग सेंटर का संचालन करता है। इसके जरिए ही वह एक्सपर्टस व इंटेलीजेंट लोगां से सम्पर्क रखता और उन्हें परीक्षा देने के लिए अच्छी रकम भी देता था। अभ्यर्थी की शक्ल से मिलते जुलते एक्सपर्ट की फोटो एक फोटो स्टूडियो पर मिक्सिंग करवाई जाती और तीसरी फोटो तैयार करके परीक्षा फर्जी अभ्यर्थी यानि कि एक्सपर्ट द्वारा दिलवाई जाती। अधिकांश अभ्यर्थी उक्त परीक्षाओं में पास हो जाते और इनका काम दिनों दिन तरक्की करने लगा। एसपी दुष्यंत ने कहा कि काफी समय से कोचिंग सेंटर की आड़ में यह गिरोह चल रहा था। गत 3 माह से पुलिस ने भीखाराम व उसके दो साथियों के फोन भी सर्विलांस पर लगा रखे थे।

हरिराम की अह्म भूमिका

एसपी राजन दुष्यंत बताते हैं कि उक्त गिरोह का भण्डाफोड़ करने में हालांकि टीम वर्क का सहयोग रहा है लेकिन अह्म भूमिका कॉन्सटेबल हरिराम की रही है। हरिराम के कारण ही इस गिरोह को परीक्षा से पहले दबोच लिया गया और अन्य परीक्षाओं के संबंध में भी रिकॉर्ड मिल सका। उन्होंने कहा कि हरिराम की हौंसला अफजाई के लिए पुलिस मुख्यालय को भी लिखा जाएगा।

अभ्यर्थियों को राहत

नकल गिरोह का कॉन्सटेबल परीक्षा से तीन दिन पहले भण्डाफोड़ होने से अभ्यर्थियां को राहत मिलेगी। पूर्व में ऑनलाईन परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा होने के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इस बार भी यदि उक्त गिरोह परीक्षा के बाद पकड़ा जाता या परीक्षा रद्द करने की स्थिति आती तो अभ्यर्थी को खासी ठेस पहुंचती। जोधपुर जिला पुलिस की टीम बधाई की पात्र है। जिसने इतनी बड़ी परीक्षा में होने जा रही घपलेबाजी को समय से पहले ही रोक दिया।

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