अजमेर की मूक-बधिर बेटी इंग्लैंड में करेगी शहर का नाम रोशन

liyaquat Ali
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मैनचेस्टर में आयोजित शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रतिभा का मनवाएगी लोहा

 

अजमेर(नवीन वैष्णव)। एक ऐसी बेटी जो ना तो बोल सकती है और ना ही सुन सकती है। उसका चयन इंग्लैण्ड के मैनचेस्टर में आयोजित शतरंज के लिए किया गया है। यह बेटी इंग्लैण्ड में जाकर अजमेर का नाम रोशन करेगी।

अजमेर के पंचशील नगर निवासी गिरधारी लाल जांगिड़ जो कि अजमेर रेलवे स्टेशन पर सहायक स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत है। जांगिड़ की 26 वर्षीय बेटी स्वाति जांगिड़ बचपन से ही बोलने और सुनने में असमर्थ है। इस कमी के बावजूद भी ना तो गिरधारी लाल ने और ना ही स्वाति ने हार मानी। स्वाति लगातार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती रही।

स्वाति की पढ़ाई के साथ ही शतरंज में भी काफी रूचि थी। उसकी इस प्रतिभा के कारण ही इस बार इंग्लिश डेफ चैस एसोसिएशन की ओर से मैनचेस्टेर में आयोजित शतरंज प्रतियोगिता में स्वाति का चयन हुआ है। वह राजस्थान से एकमात्र ऐसी खिलाड़ी है जिसे इस प्रतियोगिता में जाने का अवसर मिला है।

वैशालीनगर स्थित बधिर विद्यालय के प्रधानाचार्य संत कुमार सिंह ने बताया कि उक्त प्रतियोगिता 6 जुलाई से 16 जुलाई तक आयोजित की जाएगी जिसमें कई देशों के प्रतियोगी भाग लेंगे। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए स्वाति जांगिड़ रवाना हो चुकी है। उसे माला पहनाकर और शुभकामनाएं देकर विदा किया गया। उन्हें उम्मीद है कि स्वाति अजमेर का नाम रोशन करके ही लौटेगी।

रिसर्च इंस्टीट्यूट की छोड़ी नौकरी

प्रधानाचार्य संत कुमार सिंह बताते हैं कि स्वाति जांगिड़ ने बधिर विद्यालय में ही शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद वह इंदौर के डैफ बिलिंगुअल एकेडमी में साईन लैंग्वेज की पढ़ाई करने गई थी। यहां से पढ़ाई करने के बाद उसने वैशाली स्थित स्कूल में दो साल तक बच्चों को पढ़ाया। इसी दौरान उसकी जॉब दिल्ली के साईन लैंग्वेज रिसर्च इंस्टीट्यूट में लग गई। उसने काफी समय तक यहां पर जॉब की। गत जून माह में उसने हायर स्टडीज के लिए नौकरी छोड़ दी और वापस इंदौर चली गई। वर्तमान में वह इंदौर से साईन लैंग्वेज का सी लेवल कोर्स कर रही है।

देश को दिलवा चुकी है मैडल

संत कुमार सिंह ने बताया कि स्वाति जांगिड़ इससे पहले ही भी अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेकर देश को मैडल दिलवा चुकी है। वर्ष 2010 में बधिर शतरंज ओलम्पिक में स्वाति ने भारत को पांचवा स्थान दिलवाया, बधिर एशियाड़ 2012 जो कि ताशकंद में हुआ, इसमें स्वर्ण पदक और बधिर एशियाड़ 2015 जो मंगोलिया में हुआ, इसमें देश को चौथा स्थान दिलवाकर विश्व में नाम रोशन किया।

 

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