भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी पर उपचुनाव में हार के बाद था दवाब,व्यक्तिगत व्यस्तता को बताया कारण – नए अध्यक्ष पर कयासों का दौर

Sameer Ur Rehman
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जयपुर । राजस्थान मैं हाल ही उप चुनाव लोक सभा और विधानसभा सीटों मैं भाजपा को करारी हार मिली थी  . परनामी का इस्तीफा भी इसी परिपेक्ष्य मैं देखा जा रहा है .प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच बुधवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेज दिया। हालांकि उन्होंने अपना इस्तीफा सोमवार शाम ही भेज दिया था परन्तु बुधवार को उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किए जाने की खबर के बाद इस्तीफे की घोषणा की गई। फिलहाल नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर परनामी ने इस्तीफा दिया है अब जल्द ही प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का मनोनयन किया जाएगा।

परनामी के इस्तीफे के पीछे गत उपचुनावों में पार्टी को मिली करारी हार को कारण बताया जा रहा है। ज्ञात हो कि हार के बाद प्रदेशाध्यक्ष बदले जाने की चर्चा थी किन्तु शीर्ष नेता ने इस्तीफे की खबरों को मीडिया की उपज बताकर चर्चाओं को विराम दे दिया था। बुधवार को इस्तीफे की पुष्टि करते हुए परनामी ने यह इस्तीफा 16 अप्रैल को ही सौंपने की बात कही। परनामी ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत व्यस्तताओं के कारण पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दिया है और अब संगठन उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगा वह उसे बखूबी निभाएंगे।

इस्तीफे के बाद अपने निवास पर मीडिया से बात करते हुए परनामी ने उपचुनाव में हार के सवाल पर कहा कि भाजपा में जीत और हार दोनों की जिम्मेदारी सामूहिक होती है। वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं और हमेशा कार्यकर्ता के रूप में भाजपा को आगे बढ़ाने का काम करते रहेंगे। उन्होंने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य नियुक्त करने के लिए धन्यवाद भी दिया।

गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए संगठन और सत्ता के बीच लम्बे समय से मंथन जारी था। उपचुनाव में हार और संगठन स्तर पर पार्टी की कमजोर होती कड़ी को देखते हुए ही प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी से इस्तीफा लिया गया है।

नए अध्यक्ष पर कयासों का दौर

परनामी के इस्तीफे के बाद अब नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चर्चाओ का बाजार गर्म है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चाओं में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम आगे चल रहा है। इसके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, विधायक सुरेन्द्र पारीक के नाम भी आगे आ रहें हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गत दिनों हुए एससी व एसटी के आंदोलन के बाद डेमेज कंट्रोल के चलते मेघवाल को यह पद दिया जा सकता है। इसके अलावा राजपूत समाज की नाराजगी को देखते हुए गजेन्द्र सिंह को भी आगे लाया जा सकता है। इधर, ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड ने कहा है कि नया प्रदेशाध्यक्ष केन्द्रीय और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व की राय से ही बनाया जाएगा।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
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