
भीलवाड़ा/ राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित “जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी जयपुर द्वारा इस वर्ष पुरस्कृत किए जाने वाले 11 पुरस्कारों में साहित्य सृजन कला संगम, शाहपुरा (भीलवाड़ा) के संस्थापक अध्यक्ष एवं राजस्थानी भाषा के सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार लोककवि मोहन मंडेला जी के नाम पर पुरस्कार देने का घोषणा पत्र जारी किया गया है।
अकादमी की साधारण सभा में अकादमी अध्यक्ष डॉ. इकराम राजस्थानी उपाध्यक्ष श्री बुलाकी शर्मा सचिव श्री राजेंद्र मोहन शर्मा कोषाध्यक्ष श्री महेश गुप्ता अकादमी के मानद सदस्य श्री सत्यदेव संवितेन्द्र- जोधपुर, डॉ. ओम प्रकाश भाटिया- जैसलमेर, डॉ. विमला भंडारी-सलूंबर, श्री अब्दुल समद राही- सोजत, डॉ. अंजीव अंजुम- दौसा, श्री भगवती प्रसाद गौतम-कोटा ने पुरस्कार के नामों पर सहमति प्रकट की।
लोक कवि मोहन मंडेला जी के नाम का पहला पुरस्कार इस वर्ष श्रीगंगानगर के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर संदेश त्यागी को उनकी पुस्तक- ‘घूमती है धरती’ पर मार्च के अंतिम सप्ताह में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा।
लोक कवि मोहन मंडेला का भीलवाड़ा जिले के प्रथम साहित्यकार हैं जिनके नाम से राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित अकादमी कोई पुरस्कार देने जा रही है इस चयन से भीलवाड़ा जिले के ही नहीं अपितु समस्त मेवाड़ अंचल के साहित्यिक जगत में हर्ष व्याप्त है।
लोक कवि मोहन मंडेला राजस्थानी और हिंदी भाषा के ऐसे समर्थ साहित्यकार हुए जिनकी रचना ‘यो है म्हारो राजस्थान’ 70 के दशक में पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाई गई। यह गीत पूरे राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाला ऐसा गीत है जिसे राज्य गीत बनाया जाना चाहिए।
इस गीत पर राजस्थान दूरदर्शन ने वीडियो विजुअल बनाया है जिसे सदा प्रसारित किया जाता है। लोककवि के कृतित्व पर माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में एक शोध पत्र भी लिखा जा चुका है। लोक कवि की पुस्तक ‘बाड़्यां रा फूलड़ा’ पर 1992 का ‘जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य पुरस्कार’ राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर द्वारा प्रदत्त किया गया।
राजस्थानी भाषा अकादमी की मुख पत्रिका ‘जागती जोत’ के कवर पेज पर भी लोककवि के आवरण चित्र के साथ विशेषांक प्रकाशित किया गया। ‘अलगोजा री ओऴखाण’ ‘शगती भगति कुरबानी’ मिनखां री बानगी’ ‘शाला में उत्सव पर्व हेतु रचनात्मक उपहार’ ‘दांगच कूटो’, धरती री झांकी तथा कुं.प्रतापसिंह बारहठ पर रचित हिंदी नाटक ‘राष्ट्रीय कोहेनूर’ उनकी महत्वपूर्ण रचनाएं हैं।
सैंकड़ों रचनाएं विविध रसों में लोक प्रसिद्ध हुई। पिछले 26 वर्ष से लोककवि की पुण्यतिथि पर शाहपुरा में उनकी स्मृति में ‘साहित्य सृजन कला संगम’, नगर पालिका तथा जन सहयोग से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जो किसी कवि की स्मृति में निरंतर आयोजित होने वाला सबसे बड़ा जन आयोजन है।
संस्थान के अध्यक्ष जयदेव जोशी और सचिव सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार डॉ.कैलाश मंडेला ने अकादमी के इस निर्णय पर खुशी प्रकट करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया और इसे सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए गौरवशाली बताया। इस महत्वपूर्ण निर्णय से साहित्यिक जगत में खुशी की लहर दौड़ गई।