अब राजस्थान के खेतों में हो सकेगी बिजली की खेती, खेत-खेत में लगेंगे सोलर प्लांट

liyaquat Ali
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Jaipur News – राजस्थान(Rajasthan) के किसानों की अनुपयोगी पडी जमीन भी अब सोना उगल सकती है। केन्द्र सरकार की कुसुम योजना के तहत किसान अपनी अनुपयोगी जमीन पर सोलर प्लांट (solar plants)लगाकर बिजली(electricity) की खेती कर सकेंगे। इसके लिए बिजली कम्पनियों ने नियम बनाकर अक्षय ऊर्जा निगम को सौंप दिए हैं और अब अक्षय ऊर्जा निगम ही किसानों के खेतों में सोलर प्लांट लगाने का काम करेगा। योजना के तहत किसान अपनी अनुपयोगी जमीन को सोलर प्लांट के लिए किराए पर देकर भी अपनी आय बढा सकते हैं।

केन्द्र से मिले दिशा निर्देशों के मुताबिक किसानों की अनुपयोगी और बंजर जमीन पर 500 हार्स पावर से लेकर दो मेगावाट तक के प्लांट लगाए जा सकेंगे। इसके लिए निकटतम जीएसएस की लोड क्षमता के अनुसार प्लांट की उत्पादन क्षमता का आकलन किया जाएगा।

योजना के तहत सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन कर किसानों को मांग के अनुरूप दिन में ही बिजली मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए कृषि उपभोक्ताओं के लिए दिन में बिजली सप्लाई के दो ब्लाक बनाए जाएंगे। बता दें कि सोलर प्लांट से दिन में ही बिजली का उत्पादन होता है और दिन में मिलने वाली यह बिजली किसानों को दे दी जाएगी।

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान 31 दिसम्बर तक अक्षय ऊर्जा निगम में आवेदन कर सकते हैं। योजना के प्रथम फेज में चिह्निïत जीएसएस पर ही सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इन सोलर प्लांट से मिलने वाली बिजली को डिस्काम खरीदेगा और इसकी दरें नियामक तय करेगा।

योजना के कुछ नियमों में विसंगति भी है। डिस्काम ने इसके प्रथम फेज में उन जीएसएस का चयन किया है जहां कृषि कनेक्शनों में बिजली का लोड ज्यादा है। ऐसे में जिन स्थानों पर खेती हो रही है वहां किसान अपनी उपजाऊ जमीन पर सोलर प्लांट नहीं लगा पाएंगे। इसके साथ ही डिस्काम से सोलर प्लांट का एग्रीमेंट भी 25 साल का किया जाएगा। इतनी लंबी अवधि तक किसान अपनी जमीन नहीं दे पाएंगे।

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