देश में आयुर्वेद व एलोपथी को एक छत के नीचे लाकर संयुक्त रूप से उपचार करने की जरूरत
Bhilwara News (मूलचन्द पेसवानी)-भीलवाड़ा के पूर्व सांसद हेमेन्द्र सिंह बनेड़ा ने कहा है कि भारत की पुरानी आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति को संरक्षित करने का भागीरथ प्रयास करने का दूसरा नाम भीलवाड़ा जिले का श्री नवग्रह आश्रम है। पूर्व सांसद बनेड़ा अजमेर के नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन के साथ मोती बोर का खेड़ा स्थित नवग्रह आश्रम पहुंचे तथा यहां का अवलोकन करने के बाद यहां यह बात कही।
पूर्व सांसद बनेड़ा ने आज श्री नवग्रह आश्रम मोतीबोर का खेड़ा में हर्बल गार्डन व यहां की चिकित्सा पद्वति का बारीकी से अवलोकन करने के बाद कहा कि श्री नवग्रह आश्रम वर्तमान में सही अर्थो में आयुर्वेद के संरक्षण व उसके माध्यम से चिकित्सा किया जाना महत्वपूर्ण है।
यहां के संस्थापक हंसराज चैधरी द्वारा तैयार किया गया हर्बल गार्डन प्रदेश में अनूठा है, जहां अभी 418 प्रकार के औषधीय पौधे है। यहां आने वाले रोगियों को समर्पण भाव व निष्ठा के साथ जिस शिद्दत से उपचार किया जा रहा है वो भी काबिले तारीफ है। केंसर रोगियों को निशुल्क दवा दिया जाना आज के भौतिकवादी युग में मानवता सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है। जहां देश व दुनियां से रोगी पहुंच कर अब तक हजारों रोगी लाभान्वित हो चुके है। पूर्व सांसद बनेड़ा ने बताया कि आयुर्वेद के माघ्यम से भारतीय चिकित्सा पद्वति के पुर्नस्थापना व उसके संरक्षण के लिए यहां किये गये प्रयास आयुर्वेद का खजाना है।
अजमेर के नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन ने कहा कि श्री नवग्रह आश्रम हंसराज चैधरी के जज्बे व जनुन का ही परिणाम है। वानस्पतिक द्रव्यों से केंसर जैसी बिमारियों का उपचार किया जाना संभव है। यह रोग अति प्रदुषण, अति तनाव, अति रूग्णता से होता है, वानस्पतिक द्रव्यों के सेवन से इस रोग का उपचार होता है। यह साबित भी कर रहा है कि नवग्रह आश्रम में आने वाले रोगियों को आयुर्वेद के शास्त्रों के आधार पर उपचार मिल रहा है।
पूर्व सांसद बनेड़ा व पूर्व न्यास अध्यक्ष जैन ने यहां पर हर्बल गार्डन व नव स्थापित नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर को देखा तथा इसे प्रदेश में अनूठा बताया।
आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी ने नवग्रह आश्रम, आयुष विज्ञान मंदिर की स्थापना व उसके उदेश्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यहां पर विज्ञान, ज्योतिष की जानकारी मुहैया करायी जायेगी ताकि हर आम आदमी ग्रहों की स्थिति के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि केंसर रोगी को उपचार में परहेज में विशेष ध्यान देना होता है। परहेज ही औषधी का सहायक बनकर केंसर रोग का उपचार करता है।
अब तक यहां पर हजारों रोगी लाभान्वित हो चुके है। प्रति सप्ताह उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों की संख्या 3 हजार से ज्यादा बढ़ रही है। संस्थापक हंसराज चोधरी ने दोनो अतिथियों का साहित्य भेंट कर अभिनंदन व सम्मान किया।