Jaipur News – आयकर विभाग (Income tax department) में इन दिनों रात 11 बजे तक रौनक बनी हुई है। कर्मचारी और अधिकारी कम्प्यूटर पर स्क्रूटनिंग के केस निपटाने में लगे हुए है। दरअसल विभाग में जब से सारा काम ऑनलाइन कर दिया गया तब से न सिर्फ विभाग के कर्मचारी बल्कि करदाता भी खासे परेशान हो रहे हैं। इसमें भी स्क्रूटनिंग के सारे केस 31 दिसंबर (31 December)तक समाप्त करने के आदेश ने कोढ़ में खाज का काम किया है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अक्तूबर से करदाताओं को नोटिस देने के लिए डिन (डाक्यूमेंट वेरीफिकेश नंबर) अनिवार्य कर दिया था। इसमें करदाताओं को नोटिस देने से लेकर सारा काम ऑनलाइन कर दिया गया। इस साल वर्ष 2016-17 की रिटर्न जिसका असेसमेंट ईयर 2017-18 है। इस साल के स्क्रूटनिंग में सारे केसों को 31 दिसंबर तक निपटाया जाना है। इसके लिए विभाग से करदाताओं को ऑनलाइन नोटिस भेजे जा रहे हैं जिसका जवाब देने के लिए भी तीन से चार दिन दिए जा रहे हैं। कई मामलों में करदाता देरी से नोटिस देख रहा है तो उसे जवाब देने का समय भी कम मिल रहा है।
जिन मामलों में विभाग ज्यादा जानकारी मांग रहा है, उसमें सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। ज्यादा पेजों की जानकारी देने के लिए करदाता को सभी दस्तावेजों को स्केन कर अपलोड करना है। एक फाइल में अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज की भी सीमा है। ऐसे कई फाइलों में जवाब भेजे जा रहे हैं। ऐसे मामलों में करदाता से ज्यादा परेशान असेसमेंट अधिकारी हो रहे हैं।
एक असेसमेंट अधिकारी को औसतन सौ केस मिले हुए हैं। ज्याजा पेजों का जवाब मिलने की स्थिति में अफसरों को इन्हें डाउनलोड कर प्रिंट लेने पड़ रहे हैं। इसमें भी कई दस्तावेजों को प्रिंट पठनीय नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है क्योंकि ऐसे मामलों में करदाता से दस्तावेज मांगने के लिए फिर से पूरी प्रक्रिया अपनानी पड़ रही है।