आटोमोबाइल कम्पनियां कहती है आप चिंता मत कीजिए, आप हमारा ध्यान रखिए – प्रताप सिंह खाचरियावास

liyaquat Ali
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Jaipur News – राज्य विधानसभा में शुक्रवार को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आटोमोबाइल कम्पनियों पर परोक्ष रूप से रिश्वत देने का आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं उन्होंने छिपे शब्दों में कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन के समय भाजपा सरकार इनके दवाब में आ गई थी।

हुआ यूं कि प्रश्नकाल के दौरान माकपा के बलवान पूनियां ने प्रदेश में सडक दुर्घटनाओं को लेकर सवाल पूछा था जिस पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बीच में दखल देते हुए कहा कि सडक दुर्घटनाओं को लेकर आप चिंतित हो, हम चिंतित हैं लेकिन क्या क्या बीते कुछ सालों में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों के आंकड़ों में कमी आई है। इस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि कटारिया जी, आपकी सरकार के कार्यकाल के दौरान भी दो हेलमेट फ्री देने का निर्णय हुआ था, आपने क्यों नहीं लागू किया गया। जो प्राइवेट ऑटोमोबाइल कंपनियां थी उनके दवाब में आपने वो फैंसला बदल दिया। आपने तो कहा था दो हेलमेट मिलेंगे, ऐसा क्या कारण था कि भाजपा सरकार ने आदेश विड्रा कर लिया और ऑटोमोबाइल कम्पनियों की मदद कर दी।

ये ऑटोमोबाइल कंपनियां सबके पास जाती है और जाकर कहती है, क्या बात करती है, आप सब जानते हैं। जाकर कहती है साहब आप चिंता मत कीजिए आप हमारा ध्यान रखिए, हम आपका ध्यान रखेंगे लेकिन प्रदेश सरकार ऑटो मोबाइल कंपनियों के भरोसे नहीं चल रही है। हमने अपना निर्देश सख्ती से लागू करवाया है।

उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से राज्य में ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है कि प्रत्येक दुपहिया वाहन की खरीद पर उपभोक्ता को एक हैलमेट फ्री दिया जाए। सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए राज्य में ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में कहीं भी सडक हादसे में घायल व्यक्ति को अगर निजी अस्पताल में पहुंचाया जाए तो वह अस्पताल उसके इलाज के लिए मना नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट में यह घोषणा की है। इसमें अगर अस्पताल मना करता है तो सरकार उस पर कार्रवाई करेगी।

खाचरियावास ने बताया कि प्रतिवर्ष 10 हजार 500 मृत्यु सड़क दुर्घटना के कारण होती है। इन दुर्घटनाओं में 30 प्रतिशत की कमी लाने के लिए सरकार तमिलनाडु मॉडल पर कार्य कर रही है। सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। यह समिति वर्ष में दो बार बैठक कर सड़क सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा करेगी।

सरकार ने सड़क दुर्घटना की रोकथाम के लिए समर्पित सड़क सुरक्षा कोष भी बनाया गया है जिसमें 100 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। समर्पित सुरक्षा कोष से राज्य के 40 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्राइमरी ट्रोमा के रुप में विकसित किया जाएगा जिसमें 10 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित है।

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