Shahpura News (मूलचन्द पेसवानी ) – शाहपुरा उपखण्ड अधिकारी आईएएस श्वेता चौहान (IAS Shweta Chauhan) ने अपने क्षैत्र की 50 प्राथमिक और उच्च सरकारी प्राथमिक विद्यालयो (Government primary schools) को चिन्हित कर उनमे भामाशाहो के सहयोग से छोटे बच्चो के बैठने के लिए फर्नीचर (Furniture) उपलब्ध करवाने की अनूठी पहल प्रारम्भ की है।
शुक्रवार को आईएएस चौहान ने इसका औपचारिक शुभारम्भ चारमील दौलतपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय से की। इस दौरान एसडीएम ने दरी पट्टी पर छात्र-छात्राओ के साथ बैठकर उनके शैक्षणिक और सह शैक्षणिक गतिविधियो पर चर्चा की और पाठ्यक्रम और सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल जवाब भी किये।
यह विद्यालय प्रारम्भ से ही मलूभत सुविधाओ से भी वंचित रहा है, चौहान ने तुरन्त विद्युत कनेक्श्न करवाने के लिए भी संबंधित विभाग को आदेश जारी कर दिये। इस दौरान विकास अधिकारी महबूब, सीबीईओ विष्णुदत्त शर्मा, अविनाश शर्मा, तेजेन्द्र सिंह नरूका उपस्थित थे। इस दौरान आईएएस चैहान ने हरित शाहपुरा संस्थान द्वारा विद्यालय परिसर मे तैयार कृत्रिम जंगल का अवलोकन भी किया। संस्थान के नारायण सिंह ने कृत्रिम जंगल और संस्थान की गतिविधियो की जानकारी दी और विद्यालय परिसर मे पौधारोपण भी करवाया।
विद्यालय के निरीक्षण के दौरान ही मन मे लिया संकल्प- क्षैत्र के ही एक उच्च प्राथमिक विद्यालय मे निरीक्षण के दौरान आईएस चैहान ने देखा कि कडाके की ठंड मे छोटे-छोटे बच्चे फर्श पर अथवा फटी हुयी दरी पट्टी पर बैठने को मजबूर है और फर्नीचर का तो नामोनिशान ही नही है। तभी आईएएस चौहान ने अपने मन मे बच्चो को दरी पट्टी और फर्नीचर (डेस्क) उपलब्ध करवाने का मन बना लिया।
इसके बाद एक सुनियोजित ढंग से क्षैत्र की कुल 212 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयो की सूची मे से प्राथमिकता के आधार पर 50 विद्यालयो की सूची तैयार करवायी और भामाशाहो की मदद से नये प्रकल्प पर काम शुरू हो गया। आईएएस चौहान ने जब से शाहपुरा उपखण्ड अधिकारी के तौर पर कार्यभार संभाला है तब से ही क्षैत्र मे नवाचार करने को लेकर अपने स्तर पर प्रयास करती रही है।
आईएएस चौहान ने विकास अधिकारी महबूब, सीबीईओ विष्णुदत्त शर्मा, अधिशाषी अधिकारी पी.एल.जाट के साथ मिलकर शाहपुरा नगरपालिका क्षैत्र की 10 और शाहपुरा ब्लाॅक की 40 स्कूलो को चिन्हित कर उनमे फर्नीचर और दरी पट्टी उपलब्ध करवाने का जिम्मा उठाया। क्षैत्र मे कई भामाशाह और समाजसेवी संस्थाए भी इस प्रकल्प से जुडने को तैयार हो गये। कई विद्यालयो मे तो स्टाफ ने ही जिम्मा उठा लिया है। अब माध्यम कोई भी हो चारो ओर आईएएस श्वेता चौहान के नवीन प्रकल्प की जमकर तारीफ हो रही है।