Tonk news – परम पूज्य आचार्य सन्मति सागर जी महाराज के परम प्रभवाक शिष्य परम पूज्य आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज (Acharya Gyanasagar Ji Maharaj) के ससंघका भव्य मंगल प्रवेश गाजे-बाजे के साथ आज शनिवार को प्रात काल 10 बजे धूमधाम से श्री दिगंबर जैन नसिया अमीरगंज टोंक (Digambar Jain Nasiya Amirganj Tonk) में हुआ।
समाज के प्रवक्ता पवन कंटन एवं अनिल सर्राफ ने बताया कि आचार्य श्री का मंगल प्रवेश को लेकर काफी संख्या में लोग इंडस्ट्रीज एरिया पहुंचे वहां से विहार कराते हुए घंटाघर पहुंचे, जहां पर आचार्य श्री को जुलूस के साथ मुख्य मार्ग घंटाघर ,सुभाष बाजार, काफला बाजार बड़ा कुआं होते हुए श्री दिगंबर जैन नसिया में पहुंचे जहां पर समाज के अध्यक्ष धर्मचंद आंडरा, पारस चंद बरवास ,श्याम लाल जैन सुरेश संघी,बाबूलाल जैन टीवी जैन का ककोड़, कमल सर्राफ अंकुर पाटनी आदि ने नसिया परिसर में भव्य अगवानी की आचार्य श्री में श्रीजी के दर्शन कर यह जुलूस विशाल धर्मसभा में परिवर्तन हुआ
आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने अपनी पीयूष वाणी से कहां विषय भोगों को भोगते-भोगतेअनंत काल हो गया है, यह विषय भोग जीवन काल मैं भले ही अच्छे लगते हैं पर अनंत वह दुखदाई होते हैं, पतन कराते हैं विषय भोगों से जिनका जीवन ऊपर उठ जाता है , वही आत्मा से परमात्मा बन जाता है। इससे पहले मुख्य बाजारों में आचार्य श्री की जगह जगह पाद प्रक्षालन रंगोली एवं आरती की गई।
दोपहर के समय में आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने कारागृह में कई सैकड़ों कैदियों को संबोधित करते हुए अपनी पीयूष वाणी में कहा कि लोक अदालत में भले ही आप पैसों के बल पर जीत जाए पर प्रभु की अदालत में पैसे के हिसाब से नहीं होता है जो जैसी करता है उसको वैसा ही फल मिलता है अगर आप चाहते हैं। हमारा जीवन सुख, शांति के साथ व्यतीत हो तो ईमानदारी ,न्याय ,नीति, प्रमाणिकता, करुणा ,दया ,प्रेम वात्सल्य का भाव बहुत जरूरी है।
प्रभु के कैमरे में सब कुछ आ जाता है, चाहे कोई कितना भी छुप कर पाप करें। कैदियों को आचार्य श्री ने संबोधित करते हुए आगे कहा कि जब त्यौहार रक्षाबंधन ,दिवाली ,ईद ,मकर सक्रांति आदि त्योहार आते हैं तब आपके भाई-बहन माता-पिता पत्नी उनको आपके बारे में सोचकर दुखी होते हैं, पेट के लिए दो रोटी चाहिए, फिर क्यों इतने पाप अन्याय ,अत्याचार ,छल ,कपट, लूट,कसोट करते हो सभी कैदियों को आचार्य श्री ने कहा सभी बुराइयों से दूर रहे मदिरा पान और अब्श वस्तु का प्रयोग न करें। आचार्य श्री का मंगल प्रवचन सुनकर लगभग 25 कैदियों ने बुराइयों को दूर करने का संकल्प लिया। इस मौके पर जेलर साहब सत्यनारायण शर्मा आचार्य श्री को श्रीफल चरणों में समर्पित किया।