
जयपुर/ राजस्थान के एक सरकारी महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कक्षा छात्र में पढ़ने वाले 1 छात्र की डंडो से इस तरह बेरहमी से पिटाई की गई छात्र ने बिस्तर पकड़ लिया बच्चे का कसूर इतना था कि वह 1 दिन स्कूल मैं गोतावकाश कर गया ।
घटना हनुमानगढ़ जिले के गोलूवाला सिहागान स्थित राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की है यहां कक्षा 7 में पढ़ने वाले गुलशन(13) को स्कूल के शिक्षक अमित गोदारा और रवि सेवटा ने छात्र गुलशन कुमार को डंडों से इस तरह पीटा की डंडा तक टूट गया ।
छात्र की हालत यह हुई कि पीठ हाथ और जांघ और पिंडलियों पर डंडे के निशान तक पड़ गए और छात्र ने बिस्तर पकड़ लिया उसकी उठने की हिम्मत नहीं है।
छात्र के परिजनों के अनुसार गुलशन 1 दिन की छुट्टी के बाद जो उसने बिना बताए ली थी छुट्टी उसके बाद वह स्कूल गया तो शिक्षक ने उसे स्कूल नहीं आने और छुट्टी पर रहने का
कारण पूछा तो छात्र ने कहा कि घर के काम के कारण स्कूल नहीं आ पाया इससे शिक्षक अमित गोदारा और रवि सेवटा क्रोधित हो गए और दोनों ने मिलकर उसे मुर्गा बनाकर सिर और टांगों के बीच में डंडे से बैहरामी से पिटाई की यही नहीं।
बताया जाता है कि पीते-पीते डंडा तक भी टूट गया था इस पिटाई के बाद छात्र गुलशन दिनभर स्कूल में पढ़ाई के लिए बैठा था और दर्द से कहराता रहा बैठने तक में तकलीफ हो रही थी स्कूल की छुट्टी होने पर जब वह घर पहुंचा और परिजनों को आपबीती बताई ।
गुलशन से घटना सुनकर परिजन आक्रोशित हो गए और गुलशन के चाचा सुरेंद्र अमीर ने गोलूवाला थाना में दोनों शिक्षकों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई है।
इधर दूसरी ओर स्कूल प्रिंसिपल मनोहर लाल विशु के अनुसार अंग्रेजी माध्यम का स्कूल अलग भवन में चलता है और घटना के समय मौके पर नहीं था घटना की जानकारी मिली बच्चे के घर जाकर भी बच्चे को देखा स्टाफ की गलती सामने आ रही है मानता हूं कि गलत हुआ है। घटना गुरूवार शुक्रवार की बौआई जा रही है ।
स्कूल में छात्र को पीटने पर क्या हो हो सकती है कितनी सजा
शिक्षा के अधिकार नियम 2009 की धारा 17 के तहत किसी भी तरह के शारीरिक दंड मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव पूरी तरह से प्रतिबंधित है जवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 75 में कहा गया है कि बच्चे की देखभाल और उनकी सुरक्षा स्कूल की जिम्मेदारी होगी तथा धारा 82 के तहत भी जेल और जुर्माने का प्रावधान है ।
अगर कोई दोषी सिद्ध होता है तो उसे कम से कम 5 साल तक की सजा और ₹500000 का जुर्माना लग सकता है इसी के साथ ही अगर यह भी पाया जाता है कि किसी वजह से और ऐसी गलती नहीं हो तथा पिटाई से छात्र मानसिक बीमारी का शिकार हो गया है तो फिर 3 से 10 साल तक की सजा और ₹500000 तक का जुर्माना है।