कोटा के तीन कारोबारियों समूहों के करीब 40 ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही। रेलवे के बड़े ठेके लेने वाले एक समूह के ठिकानों मिले कागजातों से पता चला कि ठेके का भुगतान सरकारी महकमों से एक नंबर में होता था। ऐेसे कर चोरी के लिए कागजों में ज्यादा खर्चा दिखाया गया।
यह समूह वाहनों के लिए लोन देने का काम भी करता है। कार्रवाई में करीब सात सौ वाहन के लोन संबंधित दस्तावेज मिले,जिसमें किसी का भी नाम नहीं है। सभी लोन नगदी में देने के कागजात मिले हैं। बाकी दोनों समूहों के ठिकानों से भी कर चोरी के बड़ी संख्या में दस्तावेज मिले हैं,जिनकी जांच की जा रही है।