झाऊशाह बाबा की दरगाह पर हुआ कब्बाली का आयोजन
भरतपुर । (राजेन्द्र जती)-रेलवे कॉलोनी स्थित अल्लाद्दीन का नगला में हजरत बाबा झाऊशाह ,बाबा बाबरशाह व बाबा बहादुरशाह की दरगाह पर कव्वाली का आयोजन किया गया जिसमे नामचीन कब्बालों ने गजल ,शेरो शायरी, नज्में सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया | हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक 49 वे उर्स पर आयोजित हुए कव्वाली प्रोग्राम में बदायूं के कव्वाल तस्लीम आरिफ और जयपुर की कव्वाल परवीन के बीच कड़ा मुकाबला हुआ | इस दौरान अल्लाह की शान में गजलें प्रस्तुत की गई तो वहीं अजमेर दरगाह शरीफ का चित्रण कव्वालियों के माध्यम से किया गया श्रोताओं की मांग पर बृज से जुड़ी कव्वालियां सुनाकर श्री कृष्ण राधा की लीलाओं का चित्रण किया |भोर तक चले कब्बाली प्रोग्राम में कब्बाल परवीन ने ” जब से हुई है मुझ पे अल्लाह की नजर ,तब से नहीं है मुझे अपनी खबर ” सुनाकर अल्लाह के प्रति अपनी आस्था दिखाई तो वही कब्बाल तस्लीम आरिफ ने ” हम भी जियें तुम भी जियो, सब पर है अल्लाह की मेहरबानी ” सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया | इसके अलावा तस्लीम आरिफ ने ” तू चाँद में सितारा होता,आसमान में हमारा आशियाना होता,,लोग तुम्हे दूर से देखते ,नजदीक से देखने का हक़ हमारा होता “सुनाकर श्रोताओं को रोमांटिक कर दिया | जवाब में परवीन ने ” सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए.होश में थे पर मदहोश होते चले गए.न जाने क्या बात है तुम्हारे चेहरे में ,न चाहते हुए भी हम तुम्हारे होते चले गए ” सुनकर श्रोताओं को झकझोर दिया | इससे पूर्व रेडक्रॉस सर्किल स्थित दरगाह से चादर पोशी की रस्म अता कर चादर जुलुस निकाला गया | तीन दिवसीय उर्स का समापन कुल की रस्म अता करने के साथ किया गया | इस मौके पर गद्दीनशीन बाबा मोइनुद्दीन अब्बासी ने कव्वालों को पुरस्कृत किया |