कॉलेज की छात्राएं क्यों दे रही हैं किराये के कमरे का मुंह मांगा किराया?

liyaquat Ali
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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक का बन्द पड़ा नवनिर्मित महिला छात्रावास

धूल चाट रहा है अस्सी लाख की लागत से नवनिर्मित महिला कॉलेज छात्रावास

टोंक(रोशन शर्मा )।  यहां राजकीय महाविद्यालय टोंक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की महिला छात्रावासनिर्माण योजना के तहत 80 लाख की लागत से नवनिर्मित महिला कॉलेज छात्रावास जहाँ वीरानपडा हुआ है वही धूल चाट रहा हैं । इतना ही नही इस महिला छात्रावास को अभी तक काँलेज केसुपुर्द नही किये जाने से इसका सदुपयोग नही हो पा रहा।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक के नवनिर्मितमहिला छात्रावास में आवारा पशु विचरण करते हुए

उल्लेखनीय रहे 11सितम्बर 2009 में हीइस महिला छात्रावास का शिलान्यास केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा ने किया था। राजकीय स्नातकोत्तरमहाविद्यालय टोंक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की महिला छात्रावासनिर्माण योजनान्तर्गत महिला छात्रावास निर्माण की स्वीकृति मिली थी। जिसके तहत 79 लाख 72हजाररूपये की लागत से इस महिला छात्रावास का शिलान्यास 11सितम्बर 2009 को केन्द्रीय वित्त रा’यमंत्री नमोनारायण मीणा एवं टोंक विधायक जकिया ने किया था।

राजकीय महिला कॉलेजछात्रावास पूरी तरह से बनकर तैयार है । जिसका महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर एवं महाविद्यालय विकास परिषद अजमेर की संयुक्त गठित तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा भौतिक सत्यापनके बाद बकाया दस फ ीसदी राशि सार्वजनिक निर्माण विभाग टोंक को दी जा चुकी हैं उसकेबावजूद अभी तक छात्रावास उदघाटन को तरस रहा है वही इसमें महिला छात्राओं को भी आवासीयसुविधा नही मिल पा रही

जिससे टोंक के अलावा ग्रामीण क्षैत्रों से आने वाली छात्राओं को महंगे किराये पर मकान लेकर रहना पड़ रहा है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक के नवनिर्मित महिला कॉलेज छात्रावास में जहाँ सत्तर छात्राओ के बिस्तरो बैड की क्षमताहै । वही एक वार्डन क्वार्टर रसोई एवं एक डाईनिंग हाँल जैसी आवासीय सुविधाए उपलब्ध है ।


राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में स्थित महिला छात्रावास पिछले छह साल से बनकरके पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन न तो महाविद्यालय प्रशासन ने न ही किसीजनप्रतिनिधी ने इसकी सुध ली जिस कारण आज तक छात्रावास शुरू नही हो पाया । इतनाही नही जब कि जनप्रतिनिधी सहित जिला कलक्टर कई कार्यक्रमों में भाग लेने कॉलेजजाते हैं

लेकिन हमेशा अनदेखी की गई हैं वहीं महाविद्यालय विकास समिति भी नाम मात्र की साबितहो रही हैं जिसको न तो महाविद्यालय के विकास से लेना देना हैं न ही छात्र हितों से ।अब तक विकास समिति सिर्फ कागजी ही साबित हो रही हैं

जिसमें शामिल सदस्यो ने आज तक न तो कॉलेज में नवनिर्मित भवनों की सुध ली न ही किसी तरह से कॉलेज के विकास में सक्रियतादिखाई। ऐसे हालातों में कॉलेज का विकास ठप्प पडा हुआ हैं वैसे तो केन्द्र एवं रा’यसरकार की योजनाओं के तहत फण्ड आता हैं लेकिन निर्माण कार्यो की मॉनिटरिंगनही हो पा रही।

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