जयपुर। राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में इस साल नवम्बर—दिसम्बर में विधानसभा चुनाव हैं। चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लगातार दौरे होंगे। दौरे के दौरान वीवीआईपी की सुरक्षा पुलिस और प्रशासन के लिए खासी चुनौतीभरा कार्य होगा। ऐसे में गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार को वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गाइडलाइन जारी की है।
इसमें वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले उपायों की विस्तार से जानकारी दी गई है। राज्य में चुनाव के दौरान प्रचार के लिए स्पेशल सुरक्षा ग्रुप से सुरक्षित, अन्य हाई सिक्योरिटी वाले राजनीतिज्ञों का आना जाना लगा रहेगा। प्रचार के लिए वीवीआईपी रैली, जनसभा, रोड शो करते हैं, जिससे प्रत्याशियों की भीड़, बिना चैकिंग वाले लोगों सहित कई अन्य अनधिकृत लोग राजनीतिज्ञों के पास पहुंच जाते हैं।
इससे उनकी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है। गृहमंत्रालय ने अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त राजनीतिज्ञों के लिए गाइड लाइन जारी की है।
गृहमंत्रालय ने सुरक्षा गाइड लाइन में विशेष सुरक्षा प्राप्त राजनीतिज्ञों की सुरक्षा में लगी एसपीजी की स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय की भी जानकारी दी है। गृहमंत्रालय ने सुरक्षा के लिए एसपीजी, आईबी सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही संबंधित एसपी, कलक्टर, डीजीपी आदि की जिम्मेदारी भी तय की है। वीआईपी के रुट पर विस्फोटक निरोधक एंटीसबोटेज उपकरणों से चैकिंग करने की बात कही गई है। वीआईपी प्रोग्राम को अंतिम रूप देने से पहले ड्रािफ्टंग डीजीपी पुलिस कमिश्नर, एसपी से भी परमार्श लिया जाना चाहिए। दौरे के दौरान अतिमहत्वपूर्ण व्यक्तियों को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आदि भी पहुंच जाते हैं।
ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के साथ ही कार्यक्रम स्थल की भी जांच अंतिम रूप दें। मेटल डिटेक्टर का प्रभावी उपयोग करें। भीड़ आंकलन कर पहले से सुरक्षा इंतजाम करें। अंतिम क्षण में प्रोग्राम चेंज नहीं करें।