टोंक जिला बना आत्महत्या-स्थली? क्यों हो रही है, लगातार आत्महत्याएं?

Sameer Ur Rehman
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जिले में 3 माह में डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों ने की आत्महत्या

टोंक, (फ़िरोज उस्मानी)। जिले में लगातार हो रही आत्महत्याओं की घटनाओं से प्रशासनीक अधिकारियों से लेकर आमजन भी अचम्भें में है। पिछले तीन माह में आत्महत्या के डेढ़ दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके है। अप्रेल माह में ही करीब आधा दर्जन से अधिक आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी है।  इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोग पण्डित व ज्योजिषों को सहारा लेकर पूजा पाठ भी करा रहे है।

दिन-ब-दिन हो रही आत्महत्या की घटनाओं को लेकर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। मार्च माह से शुरू हुआ आत्महत्याओं का सिलसिला मई माह में भी थमने का नाम नही ले रहा है। इनआत्महत्याओं की घटनाओं ने लोगों को दहला दिया है। आत्महत्याओं की शुरूआत 27 मार्च पुरानी टोंक थानान्तर्गत पंचकूईयां दरवाजा मालियों के मंदिर के पास रहने वाले हनुमान पुत्र धन्नालाल सैनी से हुई। मानसीक तनाव के कारण घर में फांसी का फंदा लगाकर हनुमान ने अपनी ईह लीला समाप्त कर ली। इसके बाद 3 अप्रेल को जिले के मालपुरा कस्बें के बृजलाल नगर स्थित जय हनुमान कॉलोनी निवासी नर्सिगं छात्र अभिषेक माहेश्वरी पुत्र नोरतमल माहेश्वरी ने परिक्षा में कम अंक आने पर रसोई के कूदें से गले में रस्सी बांधकर आत्महत्या कर ली। इसी तहर 21 अप्रेल को टोडारायसिंह उपखण्ड के गणोली गांव निवासी राजी बैरवा ने पेड़ से लटकर,  25 अप्रेल को मेंहदवास थाना क्षेत्र के सोनवा अल्लापुरा रोड पर एक प्रेमी युगल ने पेड़ से लटकर अपनी जान दे दी। निवाई थानाअन्तर्गत 27 अप्रेल को मुडिंया गांव निवासी सरमा गुर्जर कुएं में कूद गई। नगर फोर्ट कस्बा निवासी पदमा पुत्री पप्पू ने 29 अप्रेल को कूंए में कूदकर आत्महत्या कर ली। बरोनी थाना के खॅडंवा गांव निवासी छोटू बैरवा व ललित बैरवा प्रेमी युगल ने  2 मई को गांव के एक कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। बंमोर गांव के एक दिव्यांग युवक सुरेश पुत्र शिव नारायण गुर्जर ने 12 मई को अपने फार्म पर गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इसी तहर ढेड़ दर्जन से अधिक आत्महत्याओं की घटनाएं घटित हो चुकी है। वही दूसरी और लोग ऐसी घटनाओं से बचने के लिए घरों में पूजा पाठ करा रहे है।

सुर्य, शनि व राहू अशुभ भाव मे हो तो ऐसी घटनाएं घटित होती है

मनु ज्योजिष एंव वास्तू शौध संस्थान निदेशक बाबूलाल शास्त्री का कहना है कि लगातार हो रही आत्महत्याओं की घटनाओं से लोगों में भय का वातावरण व्याप्त है। कई लोग इसके निवारण व पूजा पाठ के लिए भी आ रहे है। मनु ज्योजिष एंव वास्तू शौध संस्थान निदेशक बाबूलाल शास्त्री का कहना है कि लगातार हो रही आत्महत्याओं की घटनाओं से लोगों में भय का वातावरण व्याप्त है। बाबूलाल शास्त्री का कहना है कि सुर्य, शनि व राहू अशुभ भाव मे हो तो उसके ये कारण बनते है। पुत्र दोष, शापित दोष,सतंान दोष व देव दोष के कारण ही ऐसी घटनाएं  जीवन घटित होती है। इन दोषों का निवारण कराना जरूरी है। कई लोग इसके निवारण व पूजा पाठ के लिए भी आ रहे है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
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