नशे की लिए युवा कर रहे है चोरियां पुलिस की मिलीभगत से पनप रहा है स्मेक का कारोबार
टोंक। (फ़िरोज़ उस्मानी) ज़िले में इन दिनों नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा रहा है। अफीम, गांजा, स्मेक की गिरफ्त में फंस कर युवा अपना जीवन बर्बाद कर रहे है। शहर व गांव में खुलेआम स्मेक की बिक्री हो रही है। बावजूद इसके पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। नशे की गिरफ्त में फंस कर युवा चोरियां तक करने लगे है। इसको लेकर परिजन भी चिंतित है।
https://youtu.be/1HDNp3LNQ30
नशे की लत के अब तक सैकडो़ युवक शिकार हो चुके हैं। युवक नशीली चीजें खरीदने के लिए अब घर के बर्तन, जेवरात, गैस सिंलेडर, अनाज तक बेचने लगे हैं। इससे आक्रोशित ग्रामीण महिलाओं ने आज लामबंद होकर नशीले पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया । पुलिस की मिलीभगत से पनप रहे नशे के कारोबार को बंद कराने की मांग का ज्ञापन कलेक्टर को सोपा है।
पुलिस की मिलीभगत
महिलाओं ने बताया कि पिछले 6 माह से नशेड़ियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखने के बाद और पुलिस प्रशासन से मिलने के बावजूद कार्रवाई नही हो रही है।
तहसील मुख्यालय की महिला रामी बाई, रेहना बानो, रोशनी, कमला, रेखा, नोरती, दूर्गा, पार्वती, सावित्री, सुनीता सहित महिलाओं ने बताया कि कस्बे के युवकों में दिनों दिन अफीम, गांजा, स्मैक, चरस की लत के शिकार हो चुके है।
चोरियां करने पर मजबूर
नशे के शिकार युवक घर में महिलाओं के साथ मारपीट करते है। इतना ही नहीं पैसा नहीं देने पर वे घर के जेवरात, गैस सिलेंडर, बर्तन, गेंहू के अलावा औरतों के कपडे़ तक चुराकर बेचने लग गए हैं। इससे उनका घर का खर्चा उठाना भी भारी हो गया है। नशेडियों पर एक नजर डाली जाए तो कस्बे में अब तक लगभग चार सो युवक नशे की लत के शिकार हो गए है। कई युवक तो मंदिरों से गेंहू, घी, अगरबत्ती, मंदिरों में लगे त्रिशुल, दानपेटिया तक को चुराने लग गए है।
यहाँ से आता है, नशे का सामान
जानकारी के अनुसार कस्बे में इस कारोबार का गिरोह सक्रीय है। यहां टोंक के अलावा नैनवां, अंता,बारां,कोटा, झालावाड आदि जिलों व कस्बों से लोग स्मैक, अफीम आदि नशे की सामग्री बैचने आते है। इसके बावजूद पुलिस की सख्ती नहीं होने से यह कारोबार फल-फूल रहा है। बावजूद इसके पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।