टोडारायसिंह तहसील कार्यालय में लगी ई-मित्र प्लस मशीन शो पीस बनी

liyaquat Ali
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एक छत के नीचे लोगों को विभिन्न प्रकार की सरकार निजी सेवा देने का था मकसद

Todaraisingh News । आधुनिक तकनीक के माध्यम से आमजन को एक ही छत के नीचे कई तरह की सरकारी और निजी सेवा मिले, इसी उद्देश्य से पूर्व सरकार की ओर से शुरू की गई ई-मित्र प्लस पहल के तहति अनेक िवभागों में आई मशीने कार्यालयों में शोपीस के रूप में पडी है। इनका उपयाेग आमजन के लाभार्थ नहीं हो पा रहा है। िजसकी कोई सुध नही ले रहा है। प्रत्येक ई-मित्र प्लस मशीन की अनुमानित लागत करीब दौ लाख रूपए बताई गई है। उपखण्ड मुख्यालय पर तहसीलदार कार्यालय मंे लगी ई-मित्र प्लस मशीन लगी हई है। यहां तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगाई हुई है, लेकिन इनकी सारसंभाल नहीं होने तथा उपयोग में नहीं लेने से आमजन काे किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा है। करीब दो साल पूर्व लगाई गई मशीनों में अधिकाशं मशीने बंद पडी है। कई कार्यालयों में तो आज तक चालू ही नहीं की गई। इन मशीनों को अधिकांश जगह इस्टॉल िकया गया, लेकिन सर्वर की समस्या से काम नहीं हाे पा रहा है। इन मशीनों को शुरू नहीं करने से आमजन कार्यालयों में चक्कर काट रहे है। ई-मित्र प्लस से आमजन का कार्य नहीं होने पर बाहर से अधिक दामों से कार्य करवाने के लिए मजबूर होते है। इन मशीनों की गारंटी पिरियड तीन साल का हाेता है।

यह होते है मशीन से काम

आमजन को अपने विभागीय कार्याे के लिए दर दर नहीं भटकना पडे, इसलिए इस मशीन से जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति व मूल िनवास प्रमाण पत्र, बिजली व नल  बिल सहित अन्य दस्तावेज  बनाए जा सकते है। इनको इलेक्ट्रानिक रशीद तुरंत मिलती है। उपभोक्ता को अपने कनेक्शन का नम्बर डालते करना होता है। अाधुनिक तकनीक के माध्यम से राज्य सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी आमजन को  मिल सके। मशीन से कई प्रकार के बिलों सहित अन्य बिल राशि का पेंेमेंट एटीएम की तरह कही से पेंमेंट जमा करवा सकते है। मशीन में केश डालकर भी पेमेंट किया जा सकता है। इसी मशीन से सभी प्रकार के प्रमाण पत्र प्रिंट होते है। इसके  लिए मशीन में विशेष प्रिंटर भी इंस्टॉल किया गया है। इसमें सबसे बडी बात यह हैिक उपभोक्ता का इससे मिलने वाली सेवाओं का चार्ज कम से कम 10 और अधिक से अधिक 50 रूपए तक रखा गया है।

लेजर प्रिंटर से मिलती है रसीद

ई-मित्र प्लस के माध्यम से आमजन कियोस्क से मिलने वाली सुविधाएं प्राप्त कर सकता है। इसके लिए एसएसओ आईडी बनानी पडती है। आईडी कियोस्क ऑपरेटर की हाेती है। इसे सुबह ऑन और शाम को ऑफ करना पडता है। कोई भी उपभोक्ता िवभागीय कार्य से सम्बंधित कामकाज के साथ ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीन की बोर्ड के माध्यम से कार्य का चयन कर पंजीयन करना होता है। उपभोक्ता की ओर से सम्बंधित कागजात के साथ मशीन के बोर्ड के माध्यम से चयन करना होता है। उपभेाक्ता की ओर से ली जाने वाली शल्क् कैसे रिसेप्टर व कार्ड स्वाइप कर होता है। भगुतान करने के बाद लेजर प्रिंटर से रसीद मिलती हे।

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