रात भर सड़क पर घूमे पुलिस अधीक्षक,अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ,पुलिस उपाधीक्षक
सहित भारी मात्रा में पुलिस जाब्ता,
लोगो से मामले में शांति बरतने की करते रहे अपील ,
स्थिति तनाव पूर्ण लेकिन नियंत्रण में,
भरतपुर (राजेन्द्र जती )। जिले के कामा क्षेत्र के मेवात के गांव पथवारी की रहने वाली और अलवर जिले के तिजारा के पास मदरसे में कार्यरत अध्यापिका को गत दिनों पास के ही गांव के दो युवक घर से मदरसा को जाते वक्त अपहरण करके ले गए ।जिसके बारे में अध्यापिका की बरामदगी के लिए परिजन व ग्रामीणों ने अपने अपने स्तर पर काफी प्रयास किए। लेकिन गांवडी गांव के लोगों द्वारा पड़ोस गांव की अध्यापिका बेटी को परिजनों के सुपुर्द नहीं करने पर आज मेवात के 40 गांव की पंचायत पथवारी में सूबेदार की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
जिसमें पंचों ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया पंचों ने आदेश दिया कि कल से गांवडी गांव का कोई भी व्यक्ति कहीं मिल जाए तो उनके साथ मारपीट करो उनको खेत-खलिहानों खेत-खलिहानों में काम मत करने दो और उनके रास्ते बंद कर दो। अगर कोई व्यक्ति कानूनी कार्यवाही करता है तो उसके लिए पथवारी गांव एक से और करोड़ तक रुपए खर्च करेगा पंचायत फैसले का अधिकतर ग्रामीणों ने हाथ उठाकर समर्थन किया जबकि चालीस गांव की हुई पंचायत के बारे में स्थानीय जुरहरा पुलिस को भनक तक नहीं लगी और पुलिस प्रशासन सोता रहा ।
जिस कारण पुलिस अधीक्षक भरतपुर सहित पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया।पंचायत के बाद ग्रामीणों में इतना भी ब्याप्त है कि कोई भी कैमरे के सामने बोलने का साहस नही जुटा पा रहा है और अधिकारी कैमरे के सामने आने से बचते नजर आ रहे है ।सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार खाप पंचायत इतनी गोपनीयता के साथ कि गई थी कि 40 गांवों के पंच पटेलों सहित मौके पर मौजूद सभी लोगो के मोबाइल बन्द कर एक जगह रखवा दिए गए थे ।
जिससे पुलिस को कानो कान खबर तक नही लग सके।इधर एक ग्रामीण की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत मय दलबल सहित रात्रि पौने ग्यारह बजे कामां पहुंच गए थे और सुबह 4 बजे तक मौके पर लोगो से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे ।
ताजा घटना क्रम के अनुसार खाप पंचायत में मौजूद 2 दर्जन से अधिक नामजद लोगो सहित 300 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है ।मौके पर सुबह QRT फोर्स व जुरहरा थानाधिकारी होशियार सिंह के साथ पहुंचे पुलिस उपाधीक्षक राय सिंह बेनीबाल ने सुनियोजित रणनीति के तहत गांव के लोगो की दो अलग अलग टीम बनाकर लड़की को हरहाल में आज ही वापिस लाने के लिए रवाना कर दिया गया है ।
वहीं खाप पंचायत के फैसले का असर पुलिस कज मौजूदगी में ही देर रात से दिखना शुरू हो चुका है ।जहां आरोपित युवकों के गांव गांवड़ी की लाइट ऊँचेडा गांव के बिजली घर से काट दी गई है तो गांव के अंदर मीठे पानी की पेयजल सप्लाई हेतु चलने वाले पानी के टेंकरों को रोक दिया गया है ।गांव में रात्रि से ही पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद होने के बाबजूद भी गांव से एम्बुलेंस में सवार होकर जा रही प्रसूता महिला को भी रोक दिया गया है ।
जिसे पुलिस की मौजूदगी में हॉस्पिटल भिजवाया गया है तो आरोपित गांव के लोगो के पड़ोसी रिश्तेदारों ने भी खाप पंचायत में भाग लेने वाले गांवों के लोगो को सड़क से निकलते वक्त पीटना शुरू कर दिया है ।जिससे नोनेरा गांव के 5 लोगों के घायल होने की भी सूचना मिल रही है ।मौके पर हालात बद से बदतर होने के बाबजूद तनावपूर्ण है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है ।
गौरतलब है कि एक अन्य मामले में खाप पंचायत द्वारा 2 फरवरी 2018 को हरियाणा के बडेड गांव में महिलाओं से छेड़छाड़ करने पर 6 युवकों का मुंह काला कर पांच पांच जूते मारने का फरमान सुनाया था और इसी तरह के खाप पंचायत के फैसले ने कुछ वर्षों पूर्व समीप के गांव उत्तरप्रदेश के महाराना में प्रेमी और प्रेमिका को पेड से लटका कर जिंदा जलाने का हुक्म जारी कर फरमान को अंजाम भी दिया था ।
अब जनता के जहन में सवाल घूम रहे है कि पुलिस की वर्तमान कार्यप्रणाली के चलते जहां आमजन में भय और अपराधियों में विश्वास नजर आने दे क्या पुलिस अधीक्षक केशरसिंह शेखावत हाथ पर हाथ रखकर बैठे जिम्मेदार होने के बाबजूद गैर जिम्मेदार बने दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही व खाप पंचायत के तुगलकी फरमान जारी करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे में गिरफ़्तारी करने का साहस जुटा पाएंगे?