टोंक । भाद्र प्रद शुक्ला चतुर्थी तिथि गुरूवार 13 सितम्बर को सूर्योदय से दोपहर 2.51 बजे तक मध्यान्ह व्यापिनी है। अत: इसी दिन सिद्धि विनायक गणपति पूजन एवं व्रत होगा। इस अवधि में सर्वाथ सिद्धि योग सांयकाल 6.58 बजे तक रहेगा। चन्द्रमा अद्र्ध रात्रि तक स्वाति नक्षत्र
में विचरण करेगा।
जिसका स्वामी राहू है जो गणेश जी का जन्म नक्षत्र है। भद्रा सूर्योदय से दोपहर 2.51 बजे तक पाताल लोक में पश्चिम दिशा गामीनी शुभ धन लाभदायक है। मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि गणेश जी का जन्म वृश्चिक लग्र में हुआ था जो दिन में 11.14 बजे से 12.58 बजे तक है।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.9 बजे से 12.58 बजे तक है। अत: 11.14 बजे से 12.58 बजे तक, वृश्चिक लग्र सवार्थ सिद्धि योग, चर व लाभ के चौघडिय़ा में पूजन किया जाना अतिश्रेष्ठ है।
चौघडिय़ा अनुसार प्रात: 6.15 से 7.47 बजे तक शुभ का, 10.51 से 12.23 तक चरका, दोपहर 12.23 से 3.27 तक लाभ व अमृत का, सांय 4.59 से सूर्यास्त तक शुभ का चौघडिय़ा में पूजन किया जाना शुभाशुभ है।
