
पहली वैशाख कृष्ण शनि अमावस्या मनाई गई , शनि देव का किया शृंगार
शनिदेव भाग्यविधाता, न्याय के देवता हैं – पण्डित बालकिशन शर्मा
दूनी (हरि शंकर माली) | देवली उपखण्ड के दूनी मे आँवा रोड पर स्थित शनि देव मंदिर मे पहली वैशाख कृष्ण अमावस्या शनिवार के चलते भगवान शनि का शृंगार किया गया एवं महाआरती की गई एवं पञ्च्मेवो का भोग लगाया गया | शनि अमावस्या के चलते मंदिर मे भक्तो की भारी भीड़ रही , पहली वैशाख कृष्ण अमावस्या के चलते मेला भी भरा जिसमे सेकड़ों की तादाद मे भक्तो ने खरीददारी की | प्राचीन धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख कृष्ण पर इसका बड़ा महत्व है। शनि अमावस्या पर शनि महाराज के मंदिरों में भगवान का दुग्धाभिषेक किया गया , तेलाभिषेक किया गया । इस दौरान मंदिर में शनिदेव का आकर्षक शृंगार किया गया, फूलों की झांकी सजाई गई । इसके अलावा अमावस्या के पूर्व शाम को भजन संध्या के जरिए भजन-कीर्तन से प्रभु स्तुति की गई ।
शनिदेव भाग्यविधाता, न्याय के देवता हैं
पण्डित बालकिशन शर्मा ने बताया की शनिदेव भाग्यविधाता, न्याय के देवता हैं, वैशाख कृष्ण शनि अमावस्या को किये गए उपाय सफलता प्राप्त करने एवं ग्रहों के दुष्परिणामों से छुटकारा पाने हेतु बहुत उत्तम होते है। ज्योतिष शास्त्र मान्यता है कि वैशाख कृष्ण अमावस्या के दिन करने वाले उपाय/टोटके विशेष फल प्रदान करते हैं। अमावस्या के इन पूजा में कुछ ऐसे उपाय और टोटके काम में लें सकते है। परेशानियों को दूर करने के लिए अमावस्या पर ये उपाय अवश्य आजमाने चाहिए।
पण्डित बालकिशन शर्मा के मुताबिक शनिवार को आयुष्मान योग होने से इस अमावस्या पर पुण्य फलदायी योग हो गया है शनि अमावस्या पर स्नान-दान, व्रत व पुण्यदायी कार्य करने से पितृ दोष से छुटकारा तथा केतु के क्रूर प्रभाव को भी खत्म किया जा सकता है
इसके साथ ही गृहस्थ आश्रम में खुशहाली के साथ जीवन के मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। जन्म कुंडली में शानि मजबूत होने पर अच्छे परिणाम मिलते हैं। शनिदेव की कृपा से वैवाहिक, दांपत्य जीवन, प्रेम प्रसंग में लाभ होता है। भूमि, भवन, वाहन, अचल संपत्ति आदि का सुख प्राप्त होता है।