सर्व समाज ने मृत्युभोज जैसी कुरीति को दूर करने के संकल्प के साथ मृत्युभोज नहीं करने शपथ ली

Sarva Samaj took the oath not to sacrifice the sacrifice like death-sacrifice

भरतपुर (राजेन्द्र जती )। जिला जाट महासभा की पहल पर भरतपुर तहसील के सूती गांव के सर्व समाज ने मृत्युभोज जैसी कुरीति को दूर करने के संकल्प के साथ मृत्युभोज नहीं करने एवं किसी के मृत्यु पर आयोजित किसी भी भोज में शामिल नही होने की शपथ ली।

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गांव के निर्णय के बाद सत्यप्रकाष सिंह, परषुराम एवं बलराम जाट ने अपने पिता पूर्व सरपंच स्व0 नबाब सिंह फौजदार के निधन के बाद मृत्युभोज के लिए छपवाये गये निमंत्रण पत्र जाट महसभा के पदाधिकारियो सौपते हुए होने वाले मृत्युभोज को नहीं करने का निर्णय पंचायत को सुनाया।

जिला जाट महासभा के अध्यक्ष डा0 पे्रम सिंह कुन्तल ने पंचायत की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मृत्युभोज के साथ ग्याराह दिन चलने वाले भोज को भी बन्द कर दिया गया है। पंचायत में प्रदेष महामंत्री राकेष फौजदार ने कहा मृत्युभोज नहीं करने के प्रति सर्व समाज में सकारात्मक स्वीकृति प्राप्त हो रही है जिसके कारण बुजुर्गाे के प्रति सेवा भाव में वृद्वि होरही है।

इस अवसर पर ईष्वर सिंह बछामदी ने मृत्युभोज को शास्त्रानुसार गलत बताते हुए कहा कि गीता में श्रीकृष्ण में इसे पाप का भोजन कहा है। इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने बताया की मनुष्य के जीवन में कुल सोलह संस्कार होते है जिनमें अन्तिम संस्कार के बाद कोई संस्कार शेष नही होता है फिर मृत्युभोज सत्रहवां संस्कार एक कुरीति है जो समाज के लिए अभिषाप है।

जाट महासभा के संगठन मंत्री चन्द्रवीर सिनसिनी ने बतया कि समाज के दबाब में होने वाले मृत्युभोज अब बन्द हो रहे है किन्तु अभी जनजागृति की और आवश्यकता है इस अवसर पर नंदू सिंह, इन्जिनियर तालेवर सिंह,मान सिह, गोपाल सिंह, हरभान सिंह, सुजान सिंह, राजवीर सिंह, रणधीर सिंह व रामप्रकाश ने मृत्युभोज को सामाजिक अभिषाप बताया।