बौंली ( राजेश मीना ) राजस्थान प्रदेश में पंचायत राज सेवा परिषद कार्मिकों के असहयोगात्मक आंदोलन के कारण पंचायत राज के सारे कार्य बाधित होने से आमजन भी परेशान हो चुके हैं । पंचायत राज सेवा से जुड़े विभिन्न कार्मिक ग्राम विकास अधिकारी,पंचायत प्रसार अधिकारी,विकास अधिकारी, लिपिक वर्ग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सोमवार 20 दिन से लगातार हड़ताल ओर बैठे हुए है। बौंली मुख्यालय स्थित पंचायत समिति कार्यालय के बाहर पंचायत समिति क्षेत्र के विकास अधिकारी सहित पंचायत प्रसार अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी धरने पर बैठ कर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर सरकार को कोस रहे है।
इन पंचायत कार्मिकों की मांगों के समर्थन में सरपंच संघ बोली ने भी सोमवार को ग्राम पंचायतों में लगने वाले जन योजना प्रशिक्षण शिविरों का बहिष्कार कर 2 अक्टूबर मंगलवार को होने वाली ग्राम सभाओं का भी पूरी तरीके से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। सोमवार को बोंली सरपंच संघ महामंत्री मीठा लाल गुर्जर ने बताया कि सरपंच संघ अध्यक्ष राजेश गोयल की अध्यक्षता में संघ की बैठक का आयोज किया गया जिसमें पंचायत समिति की सभी 41 ग्राम पंचायतो के सरपंचों ने 2 अक्टूबर की ग्राम सभाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया और इसकी सूचना हस्ताक्षरित ज्ञापन के माध्यम से सरकार के शासन सचिव व जिला प्रशासन को भेजी है।
संघ ने ज्ञापन में बताया कि पंचायत राज सेवा परिषद से जुड़े विकास अधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी 12 सितंबर से लगातार सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों का कोई निर्णय नहीं कर रही ऐसी स्थिति के अंदर सभी ग्राम पंचायतों में कामकाज ठप पड़े हुए हैं। ग्रामीण अपने कार्य से पंचायतों में आते हैं लेकिन कार्मिकों के अभाव में उनके कोई काम नहीं हो पा रहे ऐसी स्थिति में सरपंचों को भी ग्रामीणों के रोष का कोप भाजन सहना पड़ रहा है ।सरपंच संघ ने ज्ञापन में पंचायत राज सेवा परिषद कार्मिकों से सरकार द्वारा पूर्व में किए गए समझौते की मांगों को शीघ्र प्रभाव से लागू करने की मांग की है ।
साथ ही सरकार द्वारा अब तक समझौतों को लागू नहीं करने पर सरकार की कड़ी निंदा भी की है ।ऐसी स्थिति में सरपंचों ने आज पंचायतों के शिविर का बहिष्कार कर मंगलवार को होने वाली ग्राम सभाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
ई-मित्र केंद्र वालो ने किया समर्थन -पंचायत राज के अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल का ई-मित्र केंद्र,अटल सेवा केंद्रों पर बैठने वाले विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेश मीना ने भी समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के विभिन्न गांवों में आमजन को सरकारी सेवा उपलब्ध करवाने वाले ईमित्र धारको को भी सरकार आधा कमिसन काटकर लोकल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को दे रही है जबकि मेहनत ईमित्र धारक कर रहा है।
गत दिनों बोंली ब्लॉक सहित जिले के सभी ब्लॉकों एव जिला मुख्यालय पर संघ की बैठक का आयोजन करके ई-मित्र वालो ने भी सरकार को चेताया था। इसके बाद सरकार ने ईमित्र वालों की हड़ताल को गंभीरता से नही लेकर उल्टा सोमवार 1 अक्टूबर को रेट लिस्ट का संशोधन करके सरकारी कामों के टोकन शुल्क दुगने कर दिए, जिसका ई-मित्र संचालकों ने भारी विरोध जताया है, तथा सरकार को आने वाले चुनाव में परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है।