Todaraisingh News। बजरी के अवैध खनन व परिवहन पर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही राेक लगाई है, और टोडारायसिंह में एसआईटी की टीम ने दर्जनों बजरी से भरे वाहन जब्त भी किए गए है, मगर बजरी परिवहन की कार्रवाई के दौरान जब्त की गई बजरी को निलामी किया गया।
इस निलामी के बाद सरकार की ओर से खनिज विभाग ने रवन्ना काटता है। लेकिन पर की जा रही है। खनिज विभाग 20 टन का रवन्ना देता है, लेिकन वाहनों में करीब 40 टन बजरी भरी जा रही है। यही नहीं एक रवन्ना में एक वाहन 24 घंटे में 3 से 4 चक्कर बजरी का परिवहन करके बजरी का खुला खेल खेला जा रहा है।
खनिज विभाग की ओर से जारी िकए गए सरकारी आदेशों के अनुसार ट्रक की वजन क्षमता के मुताबिक ही उसमें बजरी भरनी चाहिए, लेकिन टोंक जिले में निलाम की गई बजरी दो गुना से अधिक ट्रकों मेें भरकर भेजी जा रही है।
इससे सड़कों का पूर्ण रूप से नुकसान हो रहा है, वहीं सरकार सरकारी आदेशो की अवहेलना भी हो रही है। पुलिस चौकी से ओवरलोड बजरी भरकर ले जाना फिर खनिज विभाग का चुप्पी साधे रखना मिलीभगत को उजागर करता है। एसआईटी टीम द्वारा जब्त की गई बजरी को खनिज विभाग द्वारा गत दिनों नीलामी की गई थी। यहां बजरी से भरने वाले ट्रकों की क्षमता तो 20 टन है, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों और पुलिस की लापरवाही के चलते उस ट्रक में 40 टन से अधिक बजरी भरकर भेजी जा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि एक रवन्ना कटवाने के बाद ट्रक चालक राजधानी जयपुर या अन्यत्र हाथों-हाथ ट्रक खाली कर वापिस बनास नदी पहंुच जाता है और अवैध खनन वाली बजरी भरकर उसे गंतव्य तक उसी रवन्ना को दिखाते हुए पहुंच जाता है। ऐसे में एक ही रवन्न से 3 से 4 चक्कर बजरी का परिवहन भी करता है।
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