जहाजपुर (आज़ाद नेब) शिक्षा विभाग एवं प्रशासन की अनदेखी के चलते उपखंड मुख्यालय पर स्थित खेल मैदानों की दुर्दशा देखते बनती है, मैदान अनदेखी, अतिक्रमण व बबूल की चपेट में आने से बदहाल है।
एक तरफ खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से कई दावे किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ जहाजपुर उपखंड मुख्यालय पर शिक्षा विभाग व प्रशासन के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते राजकीय विद्यालय के खेल मैदान दुर्दशा का शिकार है। जिनकी देखरेख रखरखाव का जिम्मा लेने वाला कोई जिम्मेदार नहीं है।
मुख्यालय पर स्थित खेल मैदानों की स्थिति यह है कि तकरीबन 10 वर्षों से इन खेल मैदानों पर स्कूली कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं की गई है। देखरेख के अभाव में बदहाली का शिकार हुए नेहरू व गांधी खेल मैदानों पर बड़े-बड़े बबूल के पेड़ खड़े हैं ओर दोनों ही खेल मैदानों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर ख़बर के माध्यम से प्रशासन के ओहदेदारों का ध्यान खेल मैदानों की दुर्दशा पर ग़ौर कराना है। प्रशासनिक ओहदेदार चाहे तो एक ही दिन में खेल मैदानों की काया पलट हो सकती है। यह बस अधिकारी की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है।