Tonk News। राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा संचालित पशु विज्ञान केंद्र,टोंक द्वारा शुक्रवार को “डेयरी पशुओं में फुराव की समस्या व कारण, समाधान और बचाव” के विषय पर ऑनलाइन पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में विशेषज्ञ डॉ.सुरेन्द्र सिंह निर्वाण (मादा प्रसूति रोग विशेषज्ञ) ने पशुपालको को उक्त समस्या के लक्षण, कारण और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ.सुरेन्द्र सिंह निर्वाण ने बताया कि फुराव की समस्या पशुपालकों द्वारा ताव के लक्षणों की सही पहचान नहीं कर पाने के कारण ज्यादा होती है। जिससे पशुपालक सही समय पर गर्भाधान नहीं करा पाते है और उनका पशु बार-बार बोलता है।
उन्होंने बताया कि सही प्रबंधन से इस समस्या का निवारण किया जा सकता है। अगर किसी प्रकार का संक्रमण मादा पशु की बच्चादानी में उपस्थित है, तो चिकित्सा से संक्रमण को खत्म करके पशु को ग्याभिन करवाना चाहिए ताकि फुराव की समस्या नहीं हो। डॉ. राजेश सैनी ने शिविर का संचालन किया और पशुपालकों के विभिन्न सवालो के जवाब दिए।
डॉ.राजेश सैनी ने राजुवास द्वारा पशुपालकों के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों जैसे ई-पशुपालक चौपाल, धीने की बात्याँ इत्यादि के बारे में बताया ताकि अधिक से अधिक पशुपालक इन को सुनकर लाभ उठा सके और अपने पशुपालन को उन्नत बना सके। इस ऑनलाइन शिविर में 20 प्रगतिशील पशुपालकों ने अपनी भागीदारी निभाई।