Tonk News/ राकेश पारीक ।टोंक जिले में वैक्सीन (Vaccine) खराब ना हो इसके लिए चिकित्सा विभाग अलर्ट है। जिले में सिर्फ 2.6 प्रतिशत वैक्सीन खराब हुई है। जो अन्य जिलों के मुकाबले और औसत से काफी कम है। चिकित्सा विभाग के अनुसार जिले में पिछले डेढ़ महीने में कोई वैक्सीन खराब नहीं हुई है।
कोरोना से जंग जीतने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगाने पर जोर दे रही है लेकिन टोंक जिले में वैक्सीन की डोज रुक रुक कर आ रही है। 18 साल से 45 साल की आयु के लिए वैक्सीन जिले में डिमांड की तुलना में काफी कम आ रही है।
टोंक जिले में अभी करीब 1800 डोज बची हुई है। 45 साल से ज्यादा की उम्र के लिए जिले में 43 हजार डोज उपलब्ध है। 45 प्लस के लिए जिले में करीब 80 जगह वैक्सीनेशन हो रहा है। विभाग का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो लेकिन 18 साल से 45 साल के लिए वैक्सीन काफी कम मात्रा में पहुंच रही है। जो वैक्सीन जिले को मिल रही है वह एक या 2 दिन में लगाकर पूरी कर दी जाती है।
टोंक सीएमएचओ अशोक यादव ने बताया कि टोंक जिले में 45 से ज्यादा उम्र के 43 फीसदी लोगों को पहली डोज लग चुकी है। और करीब 10 फीसदी लोगों के दूसरी डोज लग चुकी है। 18 से 45 साल के उम्र के लोगों के लिए जिले में वैक्सीन लगना काफी देरी से शुरू हुई है इसलिए इसका प्रतिशत काफी कम है। अभी सिर्फ 18 हजार लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है।
कोरोना से जंग जीतने में वैक्सीन कारगर है। केंद्र और राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है। तीसरी लहर के खतरे को कम करने के लिए भी वैक्सीनेशन जरूरी है। लेकिन टोंक जिले को वैक्सीन कम मिलने से यहां वैक्सीनेशन कम हो रहा है।