Tonk(फ़िरोज़ उस्मानी)। टोंक जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, प्रशासन को अवगत कराएं बिना ही देर रात भूख हड़ताल से बीमार हुए 17 कैदियों को अस्पताल में बिना सुरक्षा के इंतेज़ाम किए ही भर्ती करा दिया गया। जो एक गंभीर और जांच का विषय है। सभी कैदियों की गंभीर मामलों में लिप्त होने की बात सामने आई है। टोंक एसपी ओम प्रकाश ने भी मामले की जांच की बात कही है।
जानकारी के अनुसार टोंक जेल में (Tonk News) दो दिन पूर्व ही चितौड़गढ़ जेल से 23 कैदियों को टोंक जेल में शिफ्ट किया गया था, टोंक जेल आने के बाद सभी कैदियों ने वापस चितौड़गढ़ जेल में शिफ्ट करने की बात को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी। सभी कैदियों ने खाना पीना छोड़ दिया। इसके चलते अचानक देर रात कुछ कैदियों की तबियत बिगड़ गई। जेल प्रशासन ने पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन को बिना अवगत कराएं ही टोंक सआदत अस्पताल में भर्ती कराने भेज दिया।
आनन फानन में जेल प्रशासन द्वारा अस्पताल भेजे जाने की सूचना टोंक एसपी ओम प्रकाश को लगी। एसपी ने मौके पर टोंक डिप्टी चंद्रसिंह रावत सहित भारी पुलिस जाब्ता भेजा। वही दूसरी और टोंक पुलिस ने टोंक जेल प्रशासन व चिकित्सको पर लापरवाही का आरोप लगाया। इतने गंभीर मामले में बिना प्रशासन को अवगत कराएं बिना ही कैदियों को अस्पताल पहुचा दिया गया।
बिना सुरक्षा के अस्पताल लाए गए कैदी बड़ा खतरा साबित हो सकते थे, किसी भी प्रकार की घटना सामने आ सकती थी। क्योंकि सभी कैदी एनडीपीएस मामलों में लिप्त रहे है, इनकी आयु भी करीब 30 वर्ष के आसपास ही है। पूरे मामले को लेकर टोंक डिप्टी का कहना है कि ये पूरा मामले में जेल अधीक्षक व चिकित्सक की गंभीर लापरवाही रही। बिना प्रशासन को अवगत कराएं बिना जेल से अस्पताल कैदियों को भेज दिया गया। फिलहाल कैदियों की सुरक्षा के लिए 50 से अधिक पुलिसककर्मी तैनात किए गए है। पुलिस की पूरे मामले पर नज़र है।