राज्य के संभावित नये मुख्यमन्त्री का राजनैतिक भविष्य लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे
टोंक। टोंक विधानसभा सीट से कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को अपना प्रत्याशी बनाया हैं । पायलट की अधिकृत उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेसियों में जश्र का माहौल हैं। वही कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट एवं भाजपा विधायक अजीतसिंह मेहता के बीच चुनावी राजनैतिक जंग बडी रोचक होगी।
काफी मशक्क्त के बाद टोंक विधानसभा सीट से कांग्रेस में चल रही बहुसंख्यक एवं अल्पसंख्यक विशेष मुस्लिम वर्ग से टिकट दिये जाने का मामला तूल पकड़ रहा था। जिस मसले को सुलझाने में कांग्रेस कामयाब रही हैं । कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को टोंक विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा हैं।
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video Published on Sep 15, 2018
जिसके पीछे कांग्रेस ने अपनी जीत के सुनिश्चित होने के जातिगत समीकरण भी देखें हैं। कांग्रेस का मानना हैं कि टोंक विधानसभा चुनाव में गुर्जर एवं मुस्लिम मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका हैं ,पायलट को टिकट दिये जाने से जहां एक तरफ कोई कांग्रेसी बगावत नही कर पायेगा वहीं जातिगत दृष्टि से गुर्जर मतदाता जो अधिकांश भाजपा के पक्ष में मतदान करते थे
वह पायलट के पक्ष में हो जाएगें साथ ही मुस्लिम मतदाता वैसे भी कांग्रेस को ही वोट करते हैं साथ ही दूसरा पहलू सचिन पायलट की धर्मपत्नी सारा पायलट जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमन्त्री फारूख अब्दुल्ला की पुत्री का होना हैं। वहीं कांग्रेस के परम्परागत वोट सहित अनुसूचित जाति व जन जाति के मतो का कांग्रेस में ही होना एक सकारात्मक पक्ष हैं।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को टोंक से चुनाव मैदान में उतार करके कई निशाने साधे हैं चुनाव में टिकट को लेकर चल रही गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश की हैं वहीं बहुसंख्यक मतों के धुव्रीकरण को रोकने का प्रयास भी किया गया हैं। टोंक विधानसभा सीट से अब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का मुकाबला भाजपा विधायक अजीतसिंह मेहता से होगा ।
टोंक विधानसभा चुनाव की तस्वीर तो नामांकन वापसी के बाद ही साफ हो सकेगी लेकिन यह तय हैं कि टोंक विधानसभा क्षैत्र के मतदाता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ही नही बल्कि राज्य के संभावित नये मुख्यमन्त्री का राजनैतिक भविष्य लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। पायलट का टोंक से राजनैतिक भविष्य क्या होगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ में हैं लेकिन यह तो तय हैं कि टोंक विधानसभा सीट अब राजस्थान की कांग्रेस राजनीति का मुख्य केन्द्र बिन्दु होगी।